झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन बीजेपी और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू) के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय नहीं हुआ है. इसके बावजूद बीजेपी ने अपने 52 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. एजेएसयू के प्रमुख सुदेश महतो इस बार 19 सीटें मांग रहे हैं, लेकिन बीजेपी महज 10 से 11 सीटें ही देना चाहती है. इसी के चलते दोनों के बीच सीट बंटवारे का पेच फंसा हुआ है.
बता दूं कि 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एजेएसयू को 8 सीटें दी थीं, जिनमें से 5 पर उसे जीत मिली थी. विपक्षी एकजुटता को देखते हुए इस बार के विधानसभा चुनाव में एजेएसयू के प्रमुख सुदेश महतो ने सीटों की डिमांड बढ़ा दी है. सूत्रों के मुताबिक एजेएसयू ने 19 सीटें मांग रखी. जबकि बीजेपी की तरफ से उसे 10 से 11 सीटें देने का विचार किया जा रहा है, लेकिन इस पर सुदेश महतो तैयार नहीं हैं.
एजेएसयू प्रमुख सुदेश महतो ने पिछली बार की आठ सीटों के अलावा चक्रधरपुर, लोहरदगा और चंदनकियारी सीट को फाइल किया है. झारखंड के बदले हुए राजनीतिक समीकरण के बीच बीजेपी-एजेएसयू गठबंधन के पेच को सुलझाने की कोशिश के तहत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बुलावे पर सुदेश महतो दिल्ली पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि सोमवार को एजेएसयू के सीट बंटवारे पर मुहर लग सकती है.
सुदेश महतो ने सोमवार को अपने प्रत्याशियों के लिस्ट जारी करने का ऐलान किया है. साथ ही एजेएसयू 14 नवंबर को अपना घोषणा पत्र जारी करेगा. हालांकि एजेएसयू ने अपने प्रत्याशियों के लिस्ट बीजेपी को पहले ही दे रखी है. 2014 के फॉर्मूले के सवाल पर सुदेश महतो ने कहा कि यह उस समय की मांग थी कि राज्य को राजनीतिक स्थिरता मिले. इसमें एजेएसयू ने त्याग किया लेकिन अब ऐसी बात नहीं है.
दरअसल सुदेश महतो अपना राजनीतिक आधार झारखंड में बढ़ाना चाहते हैं. वहीं, कई विपक्षी दलों के बड़े चेहरे जो नाराज चल रहे हैं, वो एजेएसयू का दरवाजा खटखटा रहे हैं. इसी के चलते सुदेश महतो ने अपनी सीटों की डिमांड बढ़ा दी है. ऐसे में देखना है कि बीजेपी सुदेश महतो की मांग को किस हद तक स्वीकार करेगी.