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झारखंडः भाजपा ने काटा है सरयू राय का टिकट, नीतीश कुमार ने जताया आश्चर्य

नीतीश कुमार ने पूर्व मंत्री राय का टिकट कटने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मेरा राय के साथ 40 साल पुराना संबंध है. वह बहुत ही योग्य व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा कि सरयू राय को मैंने बिहार में रहने की सलाह दी थी लेकिन विभाजन के बाद वह झारखंड चले गए. यहां रहते तो हमें फायदा ही होता.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटोः PTI)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटोः PTI)

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  • नीतीश ने सरयू राय को बताया योग्य व्यक्ति
  • सीएम के खिलाफ निर्दलीय मैदान में हैं राय

झारखंड की फिजा में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तैर रही हैं. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता बचाए रखने के लक्ष्य के साथ चुनाव मैदान में अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. पार्टी ने कई विधायकों का टिकट काट दिया तो कई नए चेहरों पर भी दांव लगाया. एंटी इन्कम्बेन्सी से पार पाने के लिए अमित शाह के इस फॉर्मूले की जद में आकर टिकट गंवाने वाले विधायकों की सूची में झारखंड भाजपा के दिग्गज सरयू राय भी हैं.

राय का टिकट कटे कई दिन गुजर गए, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब जाकर इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कुमार ने अपने मित्र पूर्व मंत्री राय का टिकट कटने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मेरा राय के साथ 40 साल पुराना संबंध है. वह बहुत ही योग्य व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा कि सरयू राय को मैंने बिहार में रहने की सलाह दी थी लेकिन विभाजन के बाद वह झारखंड चले गए. यहां रहते तो हमें फायदा ही होता. नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे उनका टिकट कटने पर आश्चर्य हुआ.

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नीतीश से दोस्ती को बताया था टिकट कटने की वजह

भाजपा से टिकट काटे जाने के बाद सरयू राय ने कहा था कि नीतीश कुमार से मित्रता की वजह से मेरा टिकट काटा गया. जेडीयू ने भी राय के समर्थन में जमशेदपुर पूर्वी से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. भाजपा के टिकट पर मुख्यमंत्री रघुबर दास इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सरयू राय ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी है.

नीतीश के प्रचार करने की थी चर्चा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरयू राय का चुनाव प्रचार करने जमशेदपुर जाने की भी चर्चा थी. इस चर्चा को पर लग गए थे जेडीयू सांसद ललन सिंह के बयान से. सिंह ने सरयू राय को समर्थन देने की घोषणा करते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की वजह से पार्टी उनके खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतार रही है. नीतीश कुमार भी सरयू राय के पक्ष में प्रचार कर सकते हैं. हालांकि नीतीश ने बिहार विधानसभा सत्र के पहले ही दिन मुख्यमंत्री कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि चुनाव से पहले झारखंड जाते रहे हैं, लेकिन चुनावों की घोषणा के बाद कभी प्रचार के लिए नहीं गए. इस बार भी नहीं जा रहे.

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'घर-घर रघुबर' अभियान का किया था विरोध

सरयू राय नीतीश कुमार से मित्रता को अपना टिकट काटे जाने के पीछे प्रमुख वजह बता रहे हैं. भाजपा की ओर से राय का टिकट काटे जाने पर कोई बयान नहीं आया है, लेकिन राजनीति के जानकार राय के मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजियों और समय-समय पर विरोध को प्रमुख वजह मान रहे हैं. भाजपा ने चुनावों की घोषणा से पहले 2014 लोकसभा चुनाव में 'घर-घर मोदी' नारे की सफलता को देखते हुए 'घर-घर रघुबर' अभियान चलाया. सरयू राय ने इसका विरोध किया था.

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