कर्नाटक विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में बीजेपी सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक हुई. चार घंटे चली इस बैठक में कर्नाटक चुनाव पर मंथन किया गया. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर समेत अन्य बीजेपी के दिग्गज नेता शामिल थे. बताया जा रहा कि येदियुरप्पा ने 140 सीटों के लिए उम्मीदवारों की एक लिस्ट पार्टी हाईकमान को भेजी है.
Delhi: BJP Central Election Committee Meeting underway at BJP Headquarters. pic.twitter.com/WSYLjlYKsE
— ANI (@ANI) April 8, 2018
इस बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव के अलावा संगठन पर भी चर्चा हुई है. इस दौरान बीजेपी आगामी चुनाव को लेकर भी अपनी रणनीति तय कर सकती है. इसमें पार्टी के नेताओं को मोदी सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाने का निर्देश दिया जा सकता है.
मालूम हो कि बीजेपी के खिलाफ पूरा विपक्ष लामबंद हो गया है, जिससे निपटने के लिए पार्टी को कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है. इसके अलावा बीजेपी के सामने राजग से छिटकते सहयोगी दलों को साधने की भी चुनौती है. खासकर चुनाव के वक्त सहयोगी दलों का राजग से अलग होना पार्टी के लिए चिंताजनक है. इसके अलावा दलित मुद्दे को लेकर भी रणनीति तैयार की जा सकती है.
SC/ST एक्ट पर दलित संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर विपक्ष के हमले झेल रही मोदी सरकार पहले ही डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. बीजेपी देशभर में अंबेडकर जयंती यानी 14 अप्रैल से पांच मई तक ग्राम स्वराज अभियान चलाने का ऐलान किया है. बीजेपी अंबेडकर जयंती को राष्ट्रीय न्याय दिवस के रूप में मनाएगी. मोदी सरकार यह भी विश्वास दिलाएगी कि अंबेडकर के सपने को पूरा करने के लिए उनकी सरकार काम कर रही हैं.
बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से ठीक पहले केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दलित मसले पर विपक्षी दलों पर जमकर पलटवार किया. कांग्रेस, बसपा और सपा पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष बाबा साहेब अंबेडकर के नाम पर राजनीति कर रहा है.
बीजेपी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए योजनाबद्ध तरीके से हिंसा का समर्थन कर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि दलित आंदोलन न कभी हिंसक होना चाहिए और न ही कभी होगा.