कर्नाटक का चुनाव कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस- तीनों पार्टियों के लिए जीवन मरण का सवाल बन गया है. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को वोटिंग होगी और 15 मई को परिणाम आएंगे. जिसके लिए तीनों प्रमुख पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन चुनाव प्रचार की तेजी के साथ-साथ कर्नाटक में फर्जी खबरों की भरमार भी हो गई है जिनका मकसद है लोगों की नजर में विरोधियों की इमेज को धराशायी करना. इन खबरों को सोशल मीडिया पर इस तरह से फैलाया जा रहा है कि लोग भ्रम में पड़ जाएं और उन्हें सच मान लें.
कुछ खबरें तो सीधे-सीधे नकली और कई बार हास्यास्पद दिखती हैं. लेकिन ऐसी भी खबरें हैं जिन्हें असली जैसा दिखाने कि ऐसी जबरदस्त कोशिश की गई है कि कोई भी धोखा खा सकता है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कन्नड गाने पर एक शख्स जमकर नाच रहा है जिसमें यह दिखाने की कोशिश की गई कि वीडियो में नाचने वाला शख्स खुद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया हैं. लेकिन असल में जो आदमी इस वीडियो में डांस करता दिख रहा है वो सिद्धारमैया का हमशक्ल है.
कर्नाटक चुनाव को एक चुनावी सर्वे भी सोशल मीडिया पर चलाया गया जिसके मुताबिक कांग्रेस को 76, बीजेपी को 75 और जेडीएस को 70 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई. यानि 224 सीटों वाली विधानसभा में किसी को बहुमत नहीं मिलेगा.
ये खबर भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई जिसमें कहा गया था कि ये ओपिनियन पोल टु़डेज चाणक्य ने कराया है. लेकिन खबर के झूठी होने की पोल तब खुल गई जब टु़डे चाणक्य ने ट्वीट करके साफ कर दिया कि उन्होंने ऐसा कोई ओपिनियन पोल करवाया ही नहीं है.
हद तो तब हो जब सोशल मीडिया में कथित रूप से राज्य सरकार के इंटेलिजेंस ब्रांच की एक चिठ्ठी वायरल हो गई जिसमें मुख्यमंत्री को चामुण्डेश्वरी सीट से चुनाव नहीं लड़ने की सलाह दी गई थी क्योंकि ये सीट जीतना मुश्किल होगा. अंग्रेजी में लिखी इस चिठ्ठी में चुनाव लड़ने के लिए चार दूसरी सीट भी सुझाई गईं थीं.
इस सीट पर एडीजी इंटेलिजेंस का दस्तख्त किया गया है और मुहर भी लगी है. लेकिन बहुत गौर से देखने पर पता चलता है कि मुहर में Fire & Emergency Services लिखा है, इंटेलिजेंस की रिपोर्ट में फायर और इमरजेंसी सर्विसेज लिखा होना बेतुकी बात है. मामले की तह में जाने के लिए 'आजतक' ने कर्नाटक पुलिस की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर पता लगाया कि एडीजी इंटेलिजेंस है कौन जिनका दस्तख्त इस लेटर पर किया गया है. वेबसाइट के मुताबिक इस पोस्ट पर अशित एम प्रसाद तैनात हैं.
लेकिन जब 'आजतक' ने उनसे बात की तो अशित एम प्रसाद ने बताया कि उनका प्रमोशन तो पिछले साल ही हो चुका है और वो डीजी बन चुके हैं. एडीजी इंटेलिजेंस की पोस्ट पर अब कोई नहीं है जबकि ये चिठ्ठी 5 अप्रैल की बताई जा रही है. प्रसाद ने बताया कि उनके नाम से जारी ये लेटर पूरी तरह से नकली है और ये दस्तख्त भी उनका नहीं है. उन्होंने कहा कि वो इस बारे में एफआईआर भी दर्ज करा रहे हैं.
कर्नाटक के चुनाव में अरूण जेटली चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं. इसके बावजूद विरोधियों ने उन्हें भी कर्नाटक चुनाव में घसीट लिया. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि जेटली ने कठुआ में बलात्कार के मामले को मामूली घटना करार दिया है. सच्चाई ये है कि जेटली ने कठुआ को लेकर कोई बयान नहीं दिया है. जिस वीडियो को कठुआ का बताया जा रहा है वो वीडियो दरअसल 21 अगस्त 2014 का है जिसमें उन्होंने कहा था कि कैसे एक घटना से भी देश की बदनामी होती है.