कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान से पहले राज्य की सियासी, सामाजिक और आर्थिक आबोहवा पर मंथन के लिए इस हफ्ते के आख़िर में बेंगलुरु में सजने जा रहा है एक महामंच. ये महामंच होगा इंडिया टुडे ग्रुप की ‘कर्नाटक पंचायत’. इस मौके पर राजनीतिक दिग्गजों, कारोबार जगत के कैप्टनों के साथ नौकरशाह, टेक्नोक्रेट्स, जानी-मानी हस्तियां और दूसरों पर गहरी छाप छोड़ने वाली कई शख्सियतें भी मौजूद रहेंगी.
बेंगलुरु के होटल ललित अशोक में 31 मार्च 2018 को होने वाली ‘पंचायत’ में न्यूज़मेकर्स और डिसिज़न-मेकर्स कर्नाटक के लोगों पर असर डालने वाले तमाम मुद्दों पर विचार करेंगे.
कौन जीतेगा कर्नाटक?
31 मार्च को होने वाले इस कॉन्क्लेव से ही सेट होगा आने वाले उस विधानसभा चुनाव का एजेंडा, जिस चुनाव की राष्ट्रीय राजनीति पर छाप दूर तक दिखाई दे सकती है.
पंचायत की शुरुआत जिस सत्र के साथ होगी उसका शीर्षक है- ‘’क्या कर्नाटक पर कब्ज़ा बरक़रार रख पाएगी कांग्रेस?’’ इस सत्र में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली पार्टी का पक्ष रखेंगे.
क्या कर्नाटक में खिलेगा कमल?
दिन भर चलने वाले कॉन्क्लेव का समापन जिन दो सत्रों के साथ होगा, उनमें बीजेपी की इस चुनाव में संभावनाओं पर रहेगा फोकस. इन दो सत्रों को नाम दिया गया है- “क्या कर्नाटक में खिलेगा कमल?” बीजेपी से जुड़े एक संत्र में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार जहां वक्ता होंगे, वहीं दिन के आखिरी सत्र में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पार्टी का पक्ष रखेंगे.
कर्नाटक का महा-मुक़ाबला
‘पंचायत’ का महामंच राजनीतिक विरोधियों को लाएगा आमने-सामने.
12 मई को होने वाले मतदान के लिए पूरा भारत कांग्रेस और बीजेपी, बीच होने वाली इस अहम चुनावी दौड़ पर नज़रें गढ़ाए बैठा है. ऐसे में पंचायत में ‘कर्नाटक का महा मुकाबला’ नाम से होने वाले तीन सत्रों में कांग्रेस और बीजेपी के नेता हर अहम मुद्दे पर अपनी पार्टियों का पक्ष रखते नजर आएंगे. इससे जुड़े एक सत्र में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के सामने होंगे कांग्रेस नेता सचिन पायलट. इसी सिलसिले में दूसरे सत्र में बीजेपी के संबित पात्रा से रू-ब-रू होंगे कांग्रेस नेता राज बब्बर. एक और सत्र में कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ज़ुबानी जंग करते नजर आएंगे.
भारत के आईटी हब का भविष्य
ऐसे में जबकि टेक्नोलॉजी सेक्टर में बड़े पैमाने पर नौकरियां जा रही हैं, ‘द पंचायत’ में बेंगलुरु में आईटी उद्योग के भविष्य को लेकर भी चर्चा होगी.
राज्य के मंत्री प्रियांक खड़गे, सांसद प्रताप सिम्हा, मनीपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमैन टी.वी. मोहनदास पई और नम्मा बेंगलुरु फाउंडेशन के सीईओ श्रीधर पाबीशेट्टी इस सत्र में अपने विचार रखेंगे.
‘संस्कृति के युद्ध’! और पहचान की राजनीति
कर्नाटक कैम्पेन में क्षेत्रीय पहचान को प्रमुखता मिलती दिखाई दे रही है, ऐसे में विभिन्न सेक्टरों से आए वक्ता दो सत्रों में विचारों को साझा करते नज़र आएंगे. इन सत्रों के नाम हैं-‘’संस्कृति के युद्ध” और“कर्नाटक अस्मिता के लिए लड़ाई : आख़िर किसकी है ये पहचान”.
‘संस्कृति के युद्ध’ सत्र में हिस्सा लेने वाले अभिनेता प्रकाश राज के अलावा केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और कांग्रेस नेता खुशबू सुंदर के नाम भी शामिल हैं.
“कर्नाटक अस्मिता के लिए लड़ाई : आख़िर किसकी है ये पहचान” शीर्षक वाले सत्र के वक्ताओं में शामिल होंगे- कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता दिनेश गुंडू राव, केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा, जनता दल (एस) के प्रवक्ता तनवीर अहमद और अभिनेता प्रकाश बेलवादी.
क़ानून और व्यवस्था
पंचायत में एक सत्र में कर्नाटक में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा होगी. इस सत्र के वक्ताओं में शामिल होंगे- आईपीएस अधिकारी डी रूपा, पूर्व डीजी और आईजीपी शंकर बिदारी,ग्लोबल कंसर्न्स से जुड़ी बृंदा अडिगे
आईटी से जीत का रास्ता
सोशल मीडिया और आईटी भी चुनाव प्रचार के दौरान अहम भूमिका निभाते हैं. पंचायत में‘आईटी से जीत का रास्ता’ नाम से भी एक सत्र होगा. इस सत्र में बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय और कांग्रेस की सोशल मीडिया हेड दिव्या स्पंदना आमने सामने होंगे.
पर्यावरण
इस दक्षिणी राज्य (कर्नाटक) के तेज़ी से शहरीकरण से उपजी चुनौतियों पर सुरक्षा और पर्यावरण से जुड़े जानकार अपनी राय व्यक्त करेंगे. शहरी मामलों के विशेषज्ञ आर के मिश्रा, सांसद राजीव चंद्रशेखर, बेंगलुरु के मेयर आर संपत राज, कांग्रेस नेता ब्रजेश कलप्पा, ब्रैंड एक्सपर्ट हरीश बिजूर पर्यावरण विषय से जुड़े सत्र में हिस्सा लेंगे. इस सत्र का शीर्षक होगा- “गार्डन सिटी से गारबेज सिटी “.