कर्नाटक विधानसभा चुनाव में नामांकन को लेकर अलग-अलग नजारे देखने को मिल रहे हैं. इस चुनाव में आपने लखपति और करोड़पति उम्मीदवारों के साथ ही कद्दावर नेताओं के नामांकन देखे. हालांकि सोमवार को उत्तर कर्नाटक के बेलगाम ग्रामीण सीट से पर्चा भरने निकले जेडीएस के उम्मीदवार शिवनगौड़ा पाटिल एक अलग रंग में दिखाई दिए.
शिवनगौड़ा पाटिल अपने समर्थकों के हुजूम के साथ बैलगाड़ी में सवार होकर कलेक्टर के दफ्तर नामांकन भरने पहुंचे. पाटिल खुद को किसानों का नेता बताते हैं और इसलिए किसानों की शाही सवारी बैलगाड़ी में बैठकर वह अपना नामांकन भरने बेलगाम शहर के कॉरपोरेशन दफ्तर पहुंचे. पाटिल का दावा है कि कर्नाटक में इस बार के विधानसभा चुनाव में न किसी की जाति का कार्ड चलेगा न किसी के धर्म का कार्ड चलेगा, बल्कि चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा किसानों की बदहाली होगा.
इस दौरान आजतक संवाददाता आशुतोष मिश्रा से बातचीत में पाटिल ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में किसानों का मुद्दा ही सबसे अहम होगा और इसी मुद्दे पर कर्नाटक की जनता जेडीएस को वोट देगी और कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाएगी. जब उनसे पूछा गया कि अगर कर्नाटक में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती है, तो जेडीएस किसकी तरफ जाएगी? इस पर पाटिल ने कहा कि इसका फैसला जेडीएस आलाकमान करेगा, लेकिन उनका दावा मजबूत है कि कर्नाटक में इस बार जेडीएस को ही बहुमत मिलेगा.
जब पाटिल से पूछा गया कि वह बैलगाड़ी की सवारी करके नामांकन भरने क्यों आए हैं, तो उनका जवाब था कि वह किसान हैं और बैलगाड़ी किसानों की सवारी है. उन्होंने कहा कि यातायात के सारे संसाधन बंद हो सकते हैं, लेकिन उनकी बैलगाड़ी चलती रहेगी.