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प्रचार के लिए कांग्रेस की खास रणनीति, उम्मीदवारों के चेहरों को आगे रखा जाएगा

कांग्रेस के मुताबिक उसने कर्नाटक के लिए 'सही' 'उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है. अब पार्टी प्रचार की तीन स्तरों वाली रणनीति पर काम करेगी. ये स्तर होंगे- पूरे राज्य के लिए, क्षेत्र के लिए और हर विधानसभा सीट के लिए.'

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए रण सजा हुआ है. कांग्रेस और बीजेपी का अब पूरा जोर है कि कर्नाटक के किले को फतह करने के लिए उनके योद्धा पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरें. कांग्रेस ने इस दक्षिणी राज्य की सत्ता को अपने पास रखने के लिए खास रणनीति बनाई है. ये रणनीति है- 'हर चुनाव क्षेत्र में उम्मीदवार के चेहरे को ही आगे रखा जाए.'

कांग्रेस के मुताबिक उसने कर्नाटक के लिए 'सही' 'उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है. अब पार्टी प्रचार की तीन स्तरों वाली रणनीति पर काम करेगी. ये स्तर होंगे- पूरे राज्य के लिए, क्षेत्र के लिए और हर विधानसभा सीट के लिए.'

ये पहला मौका है जब कांग्रेस चुनाव में कर्नाटक के हर जिले के लिए अलग चुनाव घोषणा पत्र (मेनिफेस्टो) जारी करने जा रही है. पार्टी का रिसर्च डिपार्टमेंट पहले से हर निर्वाचन क्षेत्र और हर उम्मीदवार से संबंधित आंकड़ों और अन्य सामग्री पर काम कर रहा है. इससे उम्मीदवारों को अपने कैम्पेन के दौरान काफी मदद मिलेगी.     

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खर्च पर आयोग की नजर

कर्नाटक में चुनावी खर्च को लेकर चुनाव आयोग की उम्मीदवारों और पार्टियों पर बारीकी से नजर है. चुनाव आयोग ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए अधिकतम चुनावी खर्च की सीमा 28 लाख रुपए रखी है. ऐसे में कांग्रेस की ओर से ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि उम्मीदवार को रिसर्च/डेटा/मेनिफेस्टो/प्रचार रणनीति पर अधिक खर्च नहीं करना पड़े. पार्टी ने इसके लिए अपने सभी विभागों को पूरी तरह एक्टिव मोड में रहने के लिए कहा है.

एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, 'इस बार काफी माइक्रो-मैनेजमेंट का सहारा लिया जा रहा है. हर जिले के लिए जहां अलग मेनिफेस्टो होगा वहीं हर उम्मीदवार से संबंधित विशिष्ट जानकारी/रिसर्च सामग्री होगी. इससे चुनावी खर्च में कटौती होगी. हमारे पास इतना समृद्ध मानव संसाधन है तो क्यों ना उनके अनुभव का इस्तेमाल किया जाए?'

कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख राजीव गौड़ा कहते हैं, 'हमने हर विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से रिसर्च डाटा इकट्ठा किया है. अब पार्टी के हर उम्मीदवार को उसके क्षेत्र के हिसाब से तुलनात्मक विश्लेषण मुहैया कराया जा रहा है जिससे कि वे बीजेपी के झूठों को तथ्यों के साथ काट सकें.'

युवाओं पर फोकस

कांग्रेस अध्यक्ष के नाते राहुल के नेतृत्व में पार्टी ये पहला विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है. जाहिर है चुनाव की तैयारियों में राहुल की अलग छाप भी देखने को मिल रही है. इस बार कांग्रेस ने पार्टी कार्यकर्ताओं, युवाओं, कांग्रेस के फ्रंटल संगठनों से जुड़े लोगों को ज्यादा टिकट दिए हैं. कांग्रेस के 24 उम्मीदवार 25 से 40 साल की उम्र के बीच के हैं. वहीं 49 उम्मीदवार 41-50 वर्ष आयु वर्ग से हैं.

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कर्नाटक के लिए कांग्रेस के महासचिव प्रभारी के सी वेणुगोपाल ने कहा, 'कार्यकर्ता, युवा और महिलाओं को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिए गए हैं. राहुल गांधी का संदेश साफ है कि जो जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काम करेगा, उसे टिकट दिया जाएगा. उम्मीदवारों के नाम तय करते समय उनकी जीतने की क्षमता को ही मुख्य आधार माना गया.'

इस बीच, कांग्रेस नेताओं का दावा है कि बीजेपी कर्नाटक में जहां साम्प्रदायिकता और ध्रुवीकरण का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को विकास के कामों पर फोकस रखने के लिए कहा है. राज्य के लोगों को ये बताने के लिए कहा है कि सिद्दारमैया सरकार ने विकास को कैसे रफ्तार दी.

केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'ये बीजेपी के स्वभाव में है कि वो लोगों को साम्प्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश करते हैं और उन्हीं मुद्दों पर वोट हासिल करना चाहते हैं. लेकिन कर्नाटक में लोगों को बांटना आसान नहीं है. कांग्रेस के प्रचार अभियान में कर्नाटक में बीते पांच साल में हुए विकास और समावेशी दृष्टिकोण के बारे में बात की जाएगी. बताया जाएगा कि कैसे प्रत्येक जाति/समुदाय और समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए कदम उठाए गए.'

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जी परमेश्वरा ने कहा, 'लोग सुशासन और स्थिरता के लिए सत्तारूढ़ सरकार की ओर देख रहे हैं. हमारा बजट लोक हितकारी है जिसमें समाज के सभी वर्गों का कल्याण शामिल है. इसके बारे में हम प्रचार के दौरान लोगों को बताएंगे.'

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वेणुगोपाल के मुताबिक मठों और मंदिरों में जाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और ये पूर्व नियोजित नहीं है. हम सरकार और उम्मीदवारों के कामकाज के साथ जातीय मुद्दों के संतुलन का ध्यान रखते हैं.

कर्नाटक में आबादी का बड़ा हिस्सा OBC/SC/ST का है, इसलिए पार्टी इनसे जुड़े मुदों पर खास जोर देने जा रही है. इसमें  SC/ST एक्ट में कथित बदलाव का मुद्दा भी शामिल है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 23 मार्च से देशव्यापी ‘संविधान बचाओ’ आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं. इस अभियान के जरिए कांग्रेस संविधान और OBC/SC/ST समुदायों पर कथित हमले की कोशिशों को हाईलाइट करेगी.

कर्नाटक से कांग्रेस सांसद बीके हरिप्रसाद कहते हैं, 'जाति और समुदाय राज्य में अहम भूमिका निभाते हैं…यही बात पूरे देश के लिए भी कही जा सकती है. लेकिन ध्रुवीकरण हमारा स्टाइल नहीं है जैसा कि बीजेपी करती है. हम सिर्फ समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के उत्थान को सुनिश्चित कर रहे हैं.' कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 25 अप्रैल से कर्नाटक में पार्टी चुनाव प्रचार के सिलसिले को दोबारा शुरू करने जा रहे हैं.

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