सिद्धारमैया के बाद कर्नाटक कांग्रेस में बड़े चेहरे के रूप में डीके शिवकुमार का नाम आता है. वे दक्षिणी कर्नाटक में पार्टी का चेहरा हैं. कांग्रेस आलाकमान के करीबी माने जाते हैं. सिद्धारमैया की सरकार में उर्जा मंत्री हैं. गुजरात राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेसी विधायकों को कर्नाटक में शिवकुमार रिसॉर्ट में ठहराया गया था. कांग्रेस के सबसे अमीर प्रत्याशियों में उनका नाम आता है. वे 840 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं.
डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. कर्नाटक की सियासत में वोक्कालिगा समुदाय को लिंगायत के बाद दूसरी किंगमेकर मानी जाती है. जेडीएस प्रमुख देवगौड़ा इसी समुदाय से आते हैं. कर्नाटक में अब तक 6 मुख्यमंत्री वोक्कालिगा समुदाय के बने हैं. वोक्कालिगा समुदाय को कांग्रेस के खेमे में लाने की जिम्मेदारी डीके शिवकुमार पर है. उन्होंने 2008 में कांग्रेस रामनगरम जिले के कनकपुरा विधानसभा सीट से विधायक बने थे. इसके बाद 2013 में उन्होंने इसी सीट से उतरकर रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी. हैट्रिक लगाने के एक बार वे मैदान में है.
कनकपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार डीके शिवकुमार के खिलाफ बीजेपी ने नंदिनी गौड़ा को उतारा है. वहीं जेडीएस ने नारायण गौड़ा पर दांव लगाया है. कुल 10 उम्मीदवार मैदान में हैं.
कनकपुरा सीट के साथ-साथ दक्षिणी कर्नाटक की कई विधानसभा सीट पर उनका प्रभाव है. मंड्या सीट पर उनकी पंसद का उम्मीदवार पार्टी ने उतारा है. इसके अलावा पार्टी के प्रमुख चेहरा हैं. इसीलिए राहुल के कई दौरे पर उनके साथ नजर आए थे.
कनकपुरा सीट एक दौर में जेडीएस का मजबूत गढ़ हुआ करता था. इस सीट को कांग्रेस से पीजीआर सिंधिया ने 1983 में जनता पार्टी से उम्मीदवार के तौर पर छीना था. इसके बाद लागतार उन्होंने 6 बार जीत हासिल की थी. डीके शिवकुमार ने 2008 में छीनी थी, इसके बाद से उनका कब्जा है.
शिवकुमार ग्रेनाइट निर्यात, रियल एस्टेट, शिक्षा और केबल टेलीविजन जैसे कारोबार में शामिल हैं. ये उनके और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा संचालित कंपनियों के नेटवर्क के माध्यम से हैं.