कर्नाटक विधानसभा चुनाव की सियासी घमासान के बीच मतदाताओं के मूड को जानने के लिए देश के सबसे बड़े न्यूज चैनल 'आजतक' इंडिया टुडे ग्रुप ने कार्वी इनसाइट्स के साथ मिलकर सबसे बड़ा ओपिनियन पोल सर्वे किया. इस सर्वे के मुताबिक कर्नाटक की सियासी जंग में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला होता दिख रहा है. हालांकि, बीजेपी बीएस यदियुरप्पा के सहारे दोबारा से सत्ता में वापसी की जद्दोजहद कर रही है. वहीं कांग्रेस अपनी सत्ता को बचाने के सिद्धारमैया के चेहरे के सहारे मैदान में है.
इंडिया टुडे ग्रुप और कार्वी इनसाइट्स ओपिनियन पोल सर्वे के मुताबिक किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस की सीटों पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में घट रही है. जबकि बीजेपी की सीटों में जबर्दस्त इजाफा होता दिख रहा है.
कांग्रेस को 22 से 30 सीटों का नुकसान
सर्वे के मुताबिक कर्नाटक के 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी, पर बहुमत से दूर रहेगी. कांग्रेस को राज्य की कुल 224 सीटों में से 90 से 101 से बीच मिलती हुई दिख रही है. जबकि कांग्रेस को 2013 के विधानसभा चुनाव में 122 सीटें मिली थी. इस तरह से कांग्रेस को 2013 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 2018 के चुनाव में 22 से 30 सीटों का नुकसान होता नजर आ रहा है.
बीजेपी को सीटों का इजाफा
सर्वे के मुताबिक बीजेपी की सीटों में इजाफा होता दिख रहा है. बीजेपी को 78 से 86 सीटें नजर आ रही है. जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 40 सीटें मिली थी और उसके सहयोगी को 6 सीटें और बीएस यदियुरप्पा की पार्टी को 4 सीटें इस तरह से बीजेपी को कुल 50 सीटें मिली थी. इस लिहाज से बीजेपी को पिछले चुनाव की तुलना में 28 से 35 सीटों पर इजाफा होता दिख रहा है.
जेडीएस पुराने आकड़े के इर्द-गिर्द
कर्नाटक की सियासत में तीसरा ताकत जनता दल (एस) अपने पुराने आकड़े पर सिमटती हुए दिख रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव जेडी (एस) को 34 से 43 सीटें मिलती दिख रही है. जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में उसे 40 सीटें मिली थी. वहीं अन्य को इस बार 4 से 7 सीटें मिलती दिख रही है. जबकि 2013 के चुनाव में 12 सीटें मिली थी.वोट प्रतिशत के आकड़े
इंडिया टुडे ग्रुप ने कार्वी इनसाइट्स के सर्वे के मुताबित वोट शेयर को देंखे तो कांग्रेस अपने पुराने आकड़े को दोहराती नजर आ रही है. कांग्रेस को 37 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है. 2013 के चुनाव में भी कांग्रेस को 37 फीसदी ही वोट मिले थे.
बीजेपी के सीट बढ़ने के साथ-साथ वोट शेयर भी बढ़ता दिख रहा है. बीजेपी को 35 फीसदी वोट शेयर लाती नजर आ रही है. जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में 33 फीसदी वोट मिले थे. इस तरह से बीजेपी का वोट शेयर दो फीसदी का इजाफा करती दिख रही है.
जेडीएस को बसपा से गठबंधन करने का फायदा मिलता दिख नहीं रहा है. जेडीएस को 19 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है. जबकि 2013 जेडीएस 20 फीसदी और बसपा को 1 फीसदी वोट मिले थे. इस तरह से दोनों पार्टियों को मिलाकर 21 फीसदी वोट होता है. मौजूदा वोट शेयर से देंखे तो 2 फीसदी वोट कम होता दिख रहा है. वहीं अन्य को 9 फीसदी वोट मिल रहा है. 2013 में भी यही आकड़ा है.