कर्नाटक विधानससभा में बहुमत परीक्षण से पहले सदन को संबोधित करते हुए बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि मैं अपना प्रस्ताव सदन में रख रहा हूं और सदन से विनती करता हूं कार्रवाई करे.
उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी. राज्यपाल ने मेरे को सरकार बनाने का आमंत्रण दिया. खेद की बात ये है कि हम सबको मिलकर ये सोचना चाहिए कि किसान और कार्मिक लोग पानी की व्यवस्था से परेशान हैं.
येदियुरप्पा ने कहा कि मोदी और अमित शाह ने मुझे कर्नाटक का अध्यक्ष बनाया. अप्रैल 2016 में मुझे अध्यक्ष बना कर सीएम कैंडिडेट बनाया गया. उस दिन से आज तक मैं पूरे दो साल तक पूरे राज्य के सभी क्षेत्रों में जाकर समस्याओं को सुन कर, हर तहसील, हर विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं को सुनकर उनका हल खोजने का काम किया.
'मैं लोगों का प्यार जीतने में सफल रहा. मैं अपने साढ़े 6 करोड़ लोगों को नमन करता हूं. राज्य के लोग बड़े प्यार से हमारी कोशिशों को सराहते हैं, हमें इस सरकार के लिए जंग में पूरी हमदर्दी मिली. मेरे पास 104 विधायक हैं, पर राज्य के लोगों ने जेडीएस और कांग्रेस को नकार दिया है. लोगों का जनादेश कांग्रेस, जेडीएस को नहीं मिला. वे लोग आपस में गाली गलौज करते रहे, आपस में झगड़ा करते रहे, लोगों ने उनका स्थान बता दिया. दोनों पक्ष चुनाव में हारने के बाद जनादेश के खिलाफ, अपने अधिकार के लिए मौका देखकर गठबंधन किया.'
बीजेपी नेता ने कहा कि लगभग तीन हजार 700 किसानों ने आत्महत्या की है. ये हम सबको मालूम है. इस तरह से परेशान किसानों को, कष्ट में रखा गया. उनके लिए मदद होनी चाहिए, इसके लिए मैंने अपना सबकुछ त्याग करने का फैसला लिया. मैं इस सदन के द्वारा हमारे राज्य के लोगों को आश्वासन देता हूं कि जब तक जीवित हूं, अन्नदाता किसान को पूरी तरह मदद देने के लिए तैयार हूं. हम सब मिलकर ये काम करेंगे. मैं सोचता हूं कि ये हमारा कर्तव्य है.
उन्होंने कहा कि हमें सिंचाईं योजना को पूरा करने का मौका नहीं मिला. पीने की पानी की समस्या है, लोग तरस रहे हैं. बेंगलुरु को मिलाकर अनेक जगहों में शुद्ध पानी नहीं है. लोगों की समस्या के लिए पिछली सरकार ने काम नहीं किया. कर्नाटक के किसान आंसू बहा रहे हैं. लोगों ने हम पर विश्वास कर जनादेश दिया.
पिछले पांच साल में मैंने बहुत उतार चढ़ाव देखा, हमारी लड़ाई और लोगों के प्यार के चलते हम अन्याय से लड़ने में सफल रहे. मैं किसानों की मदद के लिए खड़ा हुआ. किसानों की जमीन दिलवाने की कोशिश की. हमने जंग लड़ी.
येदियुरप्पा ने कहा कि मैंने डेढ़ लाख लोगों और किसानों को पानी देने की योजना बनाई. मैं किसानों को बचाना चाहता हूं. हम सबको समान रूप से जीने का अवसर देना चाहते हैं. मैं समस्या जानने के लिए 60-70 घरों में गया, बातचीत की. मैंने अपने कर्तव्य का पालन किया. मैं कुछ घरों में जाकर सोया. देखा 6-7 एक घर में लोग कैसे रहते हैं, एक साथ कैसे खाते हैं. पांच साल पहले अलामती डैम को मैंने बढ़ाने की कोशिश की, पर मंजूरी नहीं मिली.
उन्होंने कहा कि जहां डैम है, जलाशय है, वहां 6 नदियों को जोड़ने का प्लान था. लोगों की पानी की समस्या खत्म करने की कोशिश करता. रेलवे योजना, नेशनल हाईवे जहां भी चाहिए, वहां फंड की जरुरत पड़ती है. मैंने कोशिश की. मैं एक बात कहना चाहता हूं, यहां कांग्रेस सरकार होने के बाद भी हमारे पीएम कभी पीछे नहीं हटे. सारी मदद देने के लिए तैयार हुए.
येदियुरप्पा ने कहा कि केंद्र में मोदी की सरकार, यहां येदियुरप्पा की सरकार, हमारे राज्य को एक विकसित राज्य बनाने का सपना है. भगवान की दया से यहां किसी भी संसाधन की कमी नहीं है. पर ईमानदार नेताओं की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि आज मेरे सामने एक अग्निपरीक्षा है, ये नई नहीं है. हर वक्त मैंने ऐसी परीक्षा दी. एक बार सोचकर तो देखो, अगर 113 मिला होता तो हम राज्य की स्थिति ही बदल देते. पर भगवान की इच्छा, माननीय सदस्य हम आप सभी से विनती करता हूं, बीजेपी इस प्रजातंत्र पर पूरा विश्वास करती है.
येदियुरप्पा ने कहा कि उस तरफ जो बैठे हुए सदस्य हैं. केंद्र में मोदी और यहां मेरी मदद की सोच रहे थे. राज्य की जनता को आश्वासन देता हूं कि जब तक मेरी सांस चलेगी, हर जगह जाऊंगा, फिर जीत कर आउंगा. 150 से ज्यादा सीट से जीतूंगा. चुनाव कब होगा, पांच साल बाद या फिर बीच में भी हो सकता है. मैं जीत कर आऊंगा. इस अधिवेशन के बाद मैं हर इलाके में जाऊंगा, उन्हें यहां का हाल बताउंगा.
उन्होंने कहा कि मैंने राज्य के शासकों को बुद्धि का इस्तेमाल कर मत देने की बात कही थी. विधायकों को बंदी बनाया गया. परिवार के लोगों से भी बात नहीं करने दी गई. परिवार पर क्या बीता होगा, इस तरह का हालात मैं नहीं चाहता. मैं हमेशा किसान, दलितों के साथ हूं. सत्ता या विरोध में हूं, जिंदगी की अंतिम सांस तक कुमारस्वामी से लड़ता रहूंगा.
येदियुरप्पा ने कहा, 'किसी ने कहा कि मुझे सत्ता नहीं मिलेगी तो मेरी जान चली जाएगी, पर मैं मतदाता पर विश्वास करता हूं. वे ही मालिक हैं. जो प्यार उन लोगों ने दिया है. वो कभी नहीं भूल सकता. हमारे कांग्रेस के दोस्तों की चाल से राज्य प्रगति में पिछड़ गया.
मैं विश्वास मत को आगे बढ़ाता हूं, सीएम पद से इस्तीफा दे रहा हूं. जनता के सामने जाऊंगा.'