कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार में जारी खींचतान के बीच मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मंत्रालय का बंटवारा कर दिया है. उन्होंने वित्त, खुफिया, सूचना एवं जनसंपर्क, ऊर्जा और कपड़ा समेत 11 विभागों को अपने पास रखा है. वहीं, उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता जी परमेश्वर को गृह मंत्रालय दिया गया है, जिसमें खुफिया विभाग शामिल नहीं है.
कांग्रेस के रमेश जरकीहोली को म्युनिसिपैलिटी विभाग, सी पुत्तरंगा शेट्टी को पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और जयमाला को महिला एवं शिशु विकास और कन्नड कल्चर विभाग दिया गया है. इसके अलावा जेडीएस के वेंकटराव को पशुपालन विभाग और निर्दलीय आर शंकर को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है.
इससे पहले बुधवार को कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार के कैबिनेट का विस्तार हुआ था. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मौजूदगी में राज्यपाल वजुभाई वाला ने कैबिनेट के 25 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई थी. कर्नाटक कैबिनेट में जेडीएस के नौ और कांग्रेस के 14 विधायक शामिल हुए. वहीं मायावती की पार्टी बसपा के एकमात्र विधायक और एक निर्दलीय को भी कैबिनेट में जगह दी गई.
वहीं, मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष एमबी पाटिल को दिल्ली तलब किया गया है. कांग्रेस हाईकमान द्वारा तलब किए जाने के बाद वो दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. पाटिल के समर्थन में पार्टी के सात से आठ विधायक हैं. माना जा रहा है कि ये नाराज विधायक भी पाटिल के साथ दिल्ली को रवाना हो गए हैं.
पूर्व मंत्री एमबी पाटिल को लिंगायत का बड़ा नेता माने जाते हैं. वो कैबिनेट में जगह नहीं दिए जाने से नाराज हैं. पाटिल सिंचाई मंत्रालय की मांग कर रहे थे. उनको कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष पद का दावेदार भी माना जा रहा है. पाटिल इस बात को लेकर भी नाराज हैं कि बीजेपी द्वारा फैलाई जा रही उस अफवाह को कांग्रेस तवज्जों दे रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि लिंगायत वोट की वजह से कांग्रेस चुनाव में हारी.#Karnataka CM HD Kumaraswamy retains 11 portfolios including Dept of Finance. Dy CM G Parameshwara to keep Home dept excluding Intelligence Wing. Congress' DK Shivakumar given Major & Medium irrigation from Water Sources Dept & Medical education from Family & Welfare department pic.twitter.com/cEv7d65Wzo
— ANI (@ANI) June 8, 2018
पाटिल के एक करीबी नेता का कहना है कि कांग्रेस ने लिंगायत बहुल 90 सीटों में से 42 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि साल 2008 में पार्टी को सिर्फ 26 सीटों पर ही जीत मिली थी. उस समय चुनाव लिंगायत की अस्मिता को लेकर लड़ा गया था. इसके अलावा जब साल 2013 में लिंगायत वोट बंट गया, तब हम 56 सीटों पर जीते. इस लिहाज से लिंगायत बहुल इलाके में इस बार कांग्रेस का प्रदर्शन बुरा नहीं रहा.
पाटिल के अलावा विधायक एनए हैरिस समेत कई कांग्रेस विधायक नाराज चल रहे हैं. हैरिस को मंत्री पद दिए जाने की मांग को लेकर उनके समर्थकों ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर नारेबाजी भी की. इसके बाद हैरिस को मनाने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर उनके घर पहुंचे.