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कर्नाटक: बेल्लारी में ही बीजेपी को वोट नहीं दिला पाए रेड्डी बंधु, करीबी भी हारे

बेल्लारी जिले की कुल 9 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को तीन सीट पर जीत हासिल हुई है, जबकि 6 पर कांग्रेस ने कब्जा किया है. हालांकि, जनार्दन रेड्डी के भाई जीत गए हैं.

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पीएम मोदी के साथ रैली के दौरान श्रीरामुलू और सोमशेखर रेड्डी
पीएम मोदी के साथ रैली के दौरान श्रीरामुलू और सोमशेखर रेड्डी

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विजयी रथ पर सवार भारतीय जनता पार्टी का कमल दक्षिण भारत के कर्नाटक में भी खिल गया है. हालांकि, वह बहुमत के आंकड़े से थोड़ा पीछे रह गई है, लेकिन मोदी मैजिक और अमित शाह की रणनीति से बीजेपी को वहां जबरदस्त बढ़त मिली है. जबकि खनन माफिया रेड्डी ब्रदर्स बेल्लारी और आसपास के इलाकों में बीजेपी को कोई खास फायदा नहीं दिला पाए हैं.

कर्नाटक में भ्रष्टाचार के प्रतीक बने जनार्दन रेड्डी और उनके करीबी व भाइयों से बीजेपी लंबे वक्त से दूरी बनाए रखने का दावा करती रही है. लेकिन राज्य विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी ना सिर्फ रेड्डी ब्रदर्स को वापस लाई बल्कि खुले हाथ से उनके परिवार और करीबियों को टिकट भी बांटे. लेकिन 15 मई को जब नतीजे सामने आए तो रेड्डी का असर फीका दिखाई दिया.

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बेल्लारी में नहीं चला रेड्डी का जादू

बेल्लारी जिले की कुल 9 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को तीन सीट पर जीत हासिल हुई है, जबकि 6 पर कांग्रेस ने कब्जा किया है. जनार्दन रेड्डी के भाई गली सोमशेखर रेड्डी ने बेल्लारी सिटी से जीत हासिल की है. जबकि बेल्लारी ग्रामीण से उनके करीबी फकीरप्पा हार गए हैं. इसके अलावा कंपाली और हगरीबोमनहल्‍ली सीट से भी जनार्दन रेड्डी के करीब टीएच सुरेश बाबू और नेमीराज नायक को शिकस्त का सामना करना पड़ा है. वहीं, दावणगेरे जिले की हरपनहल्ली सीट से जी करुणाकर रेड्डी भी जीत गए हैं.

बेल्लारी की 9 सीटों का समीकरण

हादागल्ली- कांग्रेस

हगरीबोमनहल्‍ली- कांग्रेस

कांपली- कांग्रेस

सिरीगुप्पा- बीजेपी

बेल्लारी सिटी- बीजेपी

बेल्लारी ग्रामीण- कांग्रेस

कुदलिगी- बीजेपी

विजयनगर- कांग्रेस

संदूर- कांग्रेस

हार गए करीबी

जनार्दन रेड्डी के करीबी श्रीरामुलू भी बदामी से अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं और उन्हें सिद्धारमैया ने हरा दिया है. हालांकि, वह चित्रदुर्ग की मोलाकालमुरु सीट से जीत गए हैं.

श्रीरामुलू के चाचा सन्ना फक्कीरप्पा को बल्लारी (ग्रामीण) से टिकट दिया गया था, लेकिन वो भी कोई कमाल नहीं कर सके.  वहीं, श्रीरामुलू के भतीजे टीएच सुरेश बाबू को कांपली से टिकट दिया गया था और वो भी हार गए.

जनार्दन रेड्डी ने अपने भतीजे जी लल्लेश रेड्डी को बेंगलुरु के बीटीएम लेआउट से टिकट दिलाने के लिए भी कड़ी मेहनत की थी, उन्हें गृह मंत्री जी रामलिंगा रेड्डी के खिलाफ उतारा गया था पर लल्लेश जीत नहीं पाए.

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यानी जनार्दन रेड्डी अपने भाइयों और करीबियों को टिकट दिलाने में तो कामयाब हो पाए थे. लेकिन सोमशेखर रेड्डी, करुणाकर रेड्डी और श्रीरामुलू ही जीत पाए हैं. जबकि टीएच सुरेश बाबू, सन्ना फक्कीरप्पा और जी लल्लेश रेड्डी को हार का सामना करना पड़ा है.

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