scorecardresearch
 

कर्नाटक की गोविंदराज नगर सीट: इस सबसे अमीर प्रत्याशी को हराना आसान नहीं

कांग्रेस ने कर्नाटक के गोविंदराज नगर से रियल एस्टेट क्षेत्र के बड़े कारोबारी और दिग्ग्ज नेता एम. कृष्णप्पा के बेटे प्रियकृष्ण को टिकट दिया था. वह राज्य के सबसे अमीर कैंडिडेट हैं. वह पिछले दो बार से एमएलए हैं और उनसे मुकाबला करना बाकी कैंडिडेट के लिए आसान नहीं रहा है.

Advertisement
X
कांग्रेस के प्रियकृष्ण हैं सबसे अमीर कैंडिडेट
कांग्रेस के प्रियकृष्ण हैं सबसे अमीर कैंडिडेट

Advertisement

कांग्रेस ने कर्नाटक के गोविंदराज नगर से रियल एस्टेट क्षेत्र के बड़े कारोबारी और दिग्ग्ज नेता एम. कृष्णप्पा के बेटे प्रियकृष्ण को टिकट दिया था. वह राज्य के सबसे अमीर कैंडिडेट हैं. कांग्रेस नेता प्रिय कृष्ण के पास 1020.5 करोड़ रुपये की संपत्ति है. फिलहाल वे बेंगलुरु के गोविंदराज नगर से एमएलए हैं. वह पिछले दो बार से एमएलए हैं और उनसे मुकाबला करना बाकी कैंडिडेट के लिए आसान नहीं रहा है.

साल 2013 विधानसभा चुनाव में दिए गए आंकड़ों के मुकाबले प्रियकृष्ण की संपत्ति में इस बार 11% का इजाफा हुआ है. 2013 में उनकी संपत्ति 910.9 करोड़ रुपये थी. गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा की 222 सीटों के लिए 12 मई को चुनाव हुए हैं और इनके नतीजे 15 मई को आएंगे. दो सीटों पर मतदान टाल दिया गया है.

Advertisement

सीट संख्या-166 गोविंदराज नगर

गोविंदराज नगर सामान्य सीट है और बेंगलुरु जिले का हिस्सा है. यह बेंगलुरु दक्ष‍िण संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है. इस बार बीजेपी ने यहां से वी सोमन्ना को मैदान में उतारा था. जनता दल सेकुलर से ए नागेंद्र प्रसाद और सर्व जनता पार्टी से प्रभु उम्मीदवार थे. निर्दलियों आदि को मिलाकर कुल 15 कैंडिडेट मैदान में थे.

साल 2013 में प्रियकृष्ण 72,654 वोट पाकर विजयी हुए थे, जबकि 30,194 वोट पाकर बीजेपी के कैंडिडेट एच. रवींद्र दूसरे स्थान पर थे. जाहिर है कि कांग्रेस और बीजेपी के कैंडिेडट के बीच जीत का अंतर काफी ज्यादा था. अब देखना यह होगा कि इस बार बीजेपी कैंडिडेट इस भारी अंत को मोदी लहर के सहारे दूर कर पाते हैं या नहीं.

इस क्षेत्र में कुल 2,88,251 मतदाता हैं, जिनमें से 1,50,961 पुरुष और 1,37,233 महिला मतदाता हैं. यह शहरी और काफी पढ़े-लिखे लोगों का इलाका है. यहां की साक्षरता दर करीब 88 फीसदी है.

 कांग्रेस के पास साल 2008 से ही यह सीट है. इसमें कई इलाके काफी सुनियोजित विकास वाले तो कुछ पिछड़े भी हैं. कई इलाकों में अब भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. प्रियकृष्ण जब साल 2009 में पहली बार विधायक बने तो वह राज्य के सबसे युवा एमएलए थे.

Advertisement

उनके पिता एम. कृष्णप्पा सिद्धारमैया सरकार में आवास मंत्री हैं. वे पास के विजयनगर सीट से विधायक हैं और अपने काम की वजह से वह जनता के बीच लोकप्रिय हैं. उसका लाभ प्रियकृष्ण को भी मिलेगा. प्रियकृष्ण ने लोगों से मिलने और समस्याएं सुलझाने की राजनीति अपने पिता से विरासत में सीखी है.

हालांकि, ट्रैफिक जाम और संकरी सड़कों जैसी समस्याएं बनी होने की वजह से उनकी शिकायत करने वाले लोग भी बहुत हैं.

Advertisement
Advertisement