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आरक्षित सीटों पर कांग्रेस-बीजेपी में रही बराबरी की टक्कर

कर्नाटक में सबसे बड़ी आबादी दलित मतदाताओं की है और बीजेपी की जीत में भी दलित मतदाताओं ने अहम रोल निभाया है.

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बीजेपी को मिली हैं 104 सीट
बीजेपी को मिली हैं 104 सीट

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कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान दलितों का मुद्दा काफी जोर-शोर से उठाया गया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जहां बीजेपी पर दलितों के उत्पीड़न और अत्याचार के आरोप लगाते रहे, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी संविधान निर्माता भीमराव अबेंडकर के नाम की चर्चा करते हुए कांग्रेस पर दलितों के लिए कुछ न करने का इल्जाम मढ़ती रही. कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर भी बीजेपी को दलित विरोधी पार्टी के रूप में पेश करती रही है.

15 मई को कर्नाटक चुनाव के जो नतीजे आए हैं, वो कांग्रेस के लिए हताश करने वाले रहे हैं. जबकि बीजेपी अपनी इस परफोर्मेंस से गदगद है. बीजेपी के लिए एक और राहतभरी खबर आरक्षित सीटों पर बेहतर प्रदर्शन की भी है, जहां उसने कांग्रेस के बराबर सीटें हासिल की हैं.

कर्नाटक चुनाव में 224 विधानसभा सीटें हैं जिसमें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित सीटें 36 हैं और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 15 है. 12 मई को राज्य की 222 सीटों पर चुनाव हुआ. क्योंकि जयनगर सीट पर बीजेपी प्रत्याशी और वर्तमान विधायक बी एन विजयकुमार के निधन के चलते मतदान स्थगित किया गया और दूसरी सीट पर फर्जी वोटर आईडी के चलते चुनाव रद्द किया गया. ये दोनों सीटें आरक्षित वर्ग में आती हैं, जहां अब 28 मई को मतदान होगा.

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कांग्रेस-बीजेपी को 20-20 सीट

कर्नाटक में आरक्षित सीटों की कुल संख्या 51 है, जिनमें से 49 पर चुनाव हुए. इनमें से 20 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है और कांग्रेस को भी बीजेपी के बराबर ही सीटें मिली हैं. जबकि जेडीएस को 7 और बहुजन समाज पार्टी को 1 सीट पर जीत मिली है. शेष एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. यानी 49 सीटों में 20-20 बीजेपी और कांग्रेस को मिली हैं और बाकी 9 सीटों में 7 जेडीएस, 1 बीएसपी और 1 निर्दलीय को मिली है.

सबसे ज्यादा दलित आबादी

कर्नाटक में सबसे बड़ी आबादी दलित मतदाताओं की है.  बीजेपी की जीत में अहम रोल दलित मतदाताओं ने ही निभाया है. दलित समुदाय का 40 फीसदी वोट बीजेपी को मिला है, वहीं कांग्रेस को 37 फीसदी और जेडीएस को 18 फीसदी वोट प्राप्त हुआ है. जबकि पिछले चुनाव में दलितों का 65 फीसदी से ज्यादा वोट कांग्रेस को मिला था.

कर्नाटक में आदिवासी समुदाय 7 फीसदी है और 15 सीटें उनके लिए आरक्षित हैं. आदिवासी समुदाय का भी 44 फीसदी वोट बीजेपी को मिला है. जबकि कांग्रेस को 29 फीसदी और जेडीएस को 16 फीसदी वोट मिले हैं.

बीजेपी को सबसे ज्यादा सीट

15 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में 104 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटें मिलीं. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी और कर्नाटक प्रज्ञयवंथा जनता पार्टी को क्रमशः 1-1 सीटें मिली हैं. जबकि 1 सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली है.

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