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येदियुरप्पा बोले- कल लूंगा शपथ, कर्नाटक में सरकार बनाने का ये है BJP का गणित

कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करने के बाद उन्होंने कहा कि वो कल यानी बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. अब बीजेपी की कोशिश है कि कांग्रेस और जेडीएस मिलकर भी बहुमत के लिए जरूरी 112 सदस्यों का समर्थन पत्र राज्यपाल को न दे सकें.

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बी एस येदियुरप्पा (फोटो क्रेडिट- Getty)
बी एस येदियुरप्पा (फोटो क्रेडिट- Getty)

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने से नई सरकार बनाने को लेकर पेच फंस गया है. इस चुनाव में 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी ने येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया है.

कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करने के बाद उन्होंने कहा कि वो कल यानी बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. अब बीजेपी की कोशिश है कि कांग्रेस और जेडीएस मिलकर भी बहुमत के लिए जरूरी 112 सदस्यों का समर्थन पत्र राज्यपाल को न दे सकें. हालांकि इन दोनों दलों ने जितनी सीटें जीती हैं, वो बहुमत से भी ज्यादा हैं.

बुधवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पार्टी के 4 विधायक नहीं पहुंचे. इसके अलावा जेडीएस के दो विधायक भी अपनी पार्टी की बैठक से गायब रहे. इन विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की भी बात कही जा रही है. इसके साथ ही एक निर्दलीय विधायक ने भी बीजेपी को समर्थन दिया है.

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वहीं, कुमारस्वामी ने दो विधानसभा सीटों से विजय हासिल की है. लिहाजा बीजेपी राज्यपाल के जरिए दबाव बनाएगी कि कुमारस्वामी विश्वास मत से पहले दो में से एक सीट से इस्तीफा दें. बीजेपी चाहती है कि कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला सबसे बड़ी पार्टी यानी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता और विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए वक्त दें.

विधानसभा में विश्वास मत के दौरान कांग्रेस और जेडीएस के कम से कम 15 विधायकों को गैर हाजिर रखने की प्लानिंग है. इससे सदन में संख्या बल 222 से घटकर 207 हो जाएगा. इसके बाद बीजेपी अपने 104 विधायकों के दम पर आसानी से बहुमत साबित कर लेगी. बहुमत का जादुई आंकड़ा 112 से घटकर 104 पर आ जाएगा.

इतना ही नहीं, बीजेपी की कोशिश लिंगायत सम्मान को भी मुद्दा बनाने की है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी कांग्रेस के लिंगायत विधायकों के संपर्क में हैं. इसके लिए पार्टी लिंगायत मठों से संपर्क साध रही है, जिससे लिंगायत समुदाय के विधायक येदियुरप्पा के संपर्क में आ जाएं. इस बार कांग्रेस के 21 और जेडीएस के 10 विधायक लिंगायत समुदाय से हैं.

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