scorecardresearch
 

कर्नाटक में उतरते ही ली गई राहुल गांधी और अमित शाह के विमानों की तलाशी

दोनों नेता दिल्ली से अलग-अलग विमानों से हुबली हवाईअड्डा पहुंचे थे. उनके पहुंचते ही चुनाव आयोग की टीम ने उनके विमानों की तलाशी ली. हालांकि, जांच में उन्हें कुछ नहीं मिला.

Advertisement
X
अमित शाह और राहुल गांधी
अमित शाह और राहुल गांधी

Advertisement

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के दिन जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, नेताओं के दौरे भी उतनी रफ्तार पकड़ रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी नेता भी जमकर रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और अमित शाह दोनों कर्नाटक के दौरे पर हैं.

मंगलवार को दोनों ही नेताओं को चुनाव आयोग के अधिकारियों की जांच का सामना करना पड़ा. राहुल गांधी और अमित शाह के विशेष विमानों की हुबली हवाईअड्डा पर उतरने के बाद तलाशी ली गई.

चुनाव आयोग टीम ने ली तलाशी

इस तलाशी अभियान में जिला स्तर के तीन अधिकारी शामिल थे. अधिकारियों ने बताया कि कर्नाटक में मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार यह अभियान चलाया गया.

धारवाड़ जिला उपायुक्त एस बी बोम्मनाहल्ली ने बताया, 'आयोग के नोडल अधिकारी करपले के नेतृत्व में टीम ने आकस्मिक तलाशी ली. राहुल गांधी और अमित शाह जिन विमानों से पहुंचे, हमने उनकी तलाशी ली. इसके पीछे कोई और मंशा नहीं थी.'

Advertisement

हुबली एयरपोर्ट पर जांच

दोनों नेता दिल्ली से अलग-अलग विमानों से हुबली हवाईअड्डा पहुंचे थे. उनके पहुंचते ही चुनाव आयोग की टीम ने उनके विमानों की तलाशी ली और चुनाव आचार संहिता के संभावित उल्लंघन की जांच की. तलाश अभियान पूरा होने के बाद अधिकारियों ने बताया कि उनके सामान में कुछ नहीं मिला है.

चुनाव आचार संहिता लागू

बता दें कि राज्य की 224 विधानसभा सीटों पर 12 मई को मतदान होना है. जबकि वोटों की मतगणना 15 मई को होगी. राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू है, जिसके चलते आयोग की टीम सुचारू रूप से चुनाव संपन्न कराने का हर मुमकिन प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में दोनों राष्ट्रीय दलों के प्रमुखों की जांच एक संदेश देने की भी कोशिश की गई है.

इसकी एक बड़ी वजह ये भी मानी जा सकती है, हाल के वक्त में चुनाव आयोग की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते रहे हैं. खासकर ईवीएम के मुद्दे पर विपक्षी खेमा लगातार सवाल खड़े करता रहा है. दूसरी तरफ कई ऐसे राजनीतिक घटनाक्रम भी सामने आए हैं, जिनके आधार पर चुनाव आयोग की मंशा पर सवालिया निशान लगे हैं. ऐसे में कर्नाटक चुनाव के दौरान दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों के विमान चेक कर आयोग ने अपनी सख्ती को भी दर्शाने की कोशिश की है. बता दें कि इस तरह बड़े नेताओं के विमान चेक करने की असामान्य घटना है.

Advertisement
Advertisement