कर्नाटक में वोटिंग के बाद नतीजों के आने में अभी कुछ दिन की देरी है, लेकिन एग्जिट पोल के मुताबिक राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है. राज्य की 222 सीटों पर किए गए 'आजतक' के Exit Poll में कांग्रेस को 106-118 सीटें मिलने का अनुमान है. सर्वे में बीजेपी को 79-92 सीट और जेडीएस को 22-30 सीट मिलती दिख रही है.
सर्वे के मुताबिक राज्य में दलित वोट बीजेपी से छिटकता नजर आ रहा है. एग्जिट पोल में अनुसूचित जाति (SC) का 42 फीसदी वोट कांग्रेस के हिस्से में गया है. वहीं अनुसूचित जनजाति (ST) का 48 फीसदी वोट पाने में कांग्रेस सफल होती दिख रही है. इसके विपरीत बीजेपी को 33 फीसदी SC वोट और 26 फीसदी ST वोट मिलने का अनुमान है.
कर्नाटक की तीसरी बड़ी पार्टी जेडीएस को 15 फीसदी SC वोट और 17 फीसदी ST वोट मिलता दिख रहा है. वहीं अन्य के खाते में 9-9 फीसदी SC-ST समुदाय का वोट जाने का अनुमान है. अगर यह सर्वे नतीजों के बाद सही पाया जाता है तो इस बात पर मुहर लग जाएगी कि देशभर में दलितों का जो गुस्सा है वह कर्नाटक के नतीजों को प्रभावित करने में सफल रहा है.
चुनाव में गरमाया दलितों का मुद्दा
कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान लगातार दलितों पर हो रहे अत्याचार का जिक्र किया. कांग्रेस ने ऊना कांड से लेकर SC-ST एक्ट को कमजोर करने का मुद्दा कर्नाटक चुनाव में उठाया. साथ ही इसके जरिए केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी पर करारे हमले किए और मोदी सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया. पोल में इसका फायदा कांग्रेस को मिलता दिख रहा है. इसके अलावा बीजेपी और RSS नेताओं के आरक्षण विरोधी बयान भी कांग्रेस के पक्ष में जाते दिख रहे हैं.
चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने लगातार दलितों के मुद्दे पर बैकफुट पर जाने से अपना बचाव किया और समाज के पिछड़े, शोषित समुदाय के उत्थान के लिए किए गए कामों को खूब गिनाया. बावजूद इसके लगता है कि कांग्रेस इस समुदाय को रिझाने में सफल रही है.
आबादी के अनुपात में अनुसूचित जाति का समुदाय कर्नाटक में सबसे बड़ा है और कुल आबादी का 17 फीसद हिस्सा इनके खाते में आता है. वहीं अनुसूचित जनजाति की आबादी भी करीब 7 फीसदी है. ऐसे में इन दो समुदायों को कांग्रेस के साथ जाना पोल में उसके लिए फायदेमंद साबित होता दिख रहा है. वहीं बीजेपी के लिए आने वाले चुनावों में दलितों के मुद्दे से पार पाना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है.