कर्नाटक में 5 दिन तक चले नाटक का नाटकीय अंदाज में अंत हो गया. ढाई दिन की सरकार चलाने के बाद बीएस सिद्धारमैया ने फ्लोर टेस्ट पर जाने के बजाए इस्तीफा देने का फैसला लिया. इसे जहां बीजेपी की बड़ी शिकस्त माना जा रहा है, वहीं इसके बाद विपक्षी नेताओं में उत्साह का संचार हो गया है. विपक्षी नेताओं ने इस घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
कर्नाटक में बीजेपी सरकार गिरने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश और देश के लोगों और संवैधानिक संस्थाओं से ऊपर नहीं हैं. मोदी का रवैया लोकतांत्रिक नहीं, बल्कि तानाशाही वाला है.
कर्नाटक के घटनाक्रम पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर इसे लोकतंत्र की जीत बताया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'लोकतंत्र की जीत है. कर्नाटक को बधाई. देवगौड़ा जी, कुमारस्वामी जी, कांग्रेस और अन्य को बधाई.' रीजनल फ्रंट की जीत है.'
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने भी ट्विट कर कहा कि सत्य को कभी भी हराया नहीं जा सकता. सत्य हमेशा झूठ को हराता रहा है.Democracy wins. Congratulations Karnataka. Congratulations DeveGowda Ji, Kumaraswamy Ji, Congress and others. Victory of the 'regional' front
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 19, 2018
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटनाक्रम पर ट्विट किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की कर्नाटक में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश नाकाम हो गई. सत्ता के प्रति बीजेपी की लालसा का पर्दाफाश हुआ है. क्या बीजेपी इस घटना से कोई सबक लेगी.Truth can never be defeated! Truth will always defeat a lie or liar! #KaranatakaFloorTest
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 19, 2018
बीजेपी की इस करारी शिकस्त पर हर विपक्षी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने वार करने का मौका नहीं चूका. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्विट किया और लिखा कि आज का दिन भारतीय राजनीति में धनबल की जगह जनमत की जीत का दिन है.BJP’s attempts to subvert democracy have miserably failed in Karnataka. BJP's lust for power through foul means stands completely exposed. Will BJP learn any lesson now ?
India's judiciary has risen to the occasion and has safeguarded our democracy.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 19, 2018
येदियुरप्पा के इस्तीफे पर यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, 'यह कर्नाटक के लिए बड़ा झटका है, मैं समझती हूं कि उनकी 2019 को लेकर तैयार की गई रणनीति फेल हो गई है. उन्हें अपनी रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने सरकारी मशीनरी का जमकर दुरुपयोग किया. राज्यपाल को स्वतंत्र तरीके से काम नहीं करने दे रही बीजेपी. साथ ही उन्होंने राज्यपाल से इस्तीफा भी मांगा.आज का दिन भारतीय राजनीति में धनबल की जगह जनमत की जीत का दिन है. सबको खरीद लेने का दावा करने वालों को आज ये सबक मिल गया है कि अभी भी भारत की राजनीति में ऐसे लोग बाकी हैं, जो उनकी तरह राजनीति को कारोबार नहीं मानते हैं. नैतिक रूप से तो केंद्र की सरकार को भी इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 19, 2018
दूसरी ओर, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि यह राहुल गांधी और उनके गठबंधन की जीत है.' कर्नाटक के कांग्रेस अध्यक्ष डॉक्टर जी परमेश्वरा ने ट्विट कर कहा कि आज जो हमने देखा वो न केवल नाटकीय था बल्कि इसने लोकतंत्र और संविधान के प्रति हमारे विश्वास को और प्रगाढ़ ही किया है. कर्नाटक की बीजेपी कांग्रेस ने गवर्नर के साथ मिलकर हमें पीछे करने की कोशिश की. हमें संघर्ष करना होगा. असली काम अब शुरू होगा.
पूरे घटनाक्रम पर सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि बीजेपी की भ्रष्ट और आपराधिक रणनीति की हार मिली. यह दिखाता है कि कर्नाटक में जनादेश के खिलाफ जाकर राज्यपाल का बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता देना संवैधानिक मर्यादाओं के खिलाफ है.