कर्नाटक विधानसभा के बाहर चुनाव आयोग की ओर से लगे पोस्टर बता रहे हैं कि इस चुनाव में कितने युवा मतदाता पहली बार अपने वोटिंग अधिकार का इस्तेमाल करने जा रहे हैं. संशोधित वोटर्स लिस्ट के मुताबिक कर्नाटक में 18-19 वर्ष आयु वर्ग के 22.85 लाख युवा मतदाता हैं जिनमें से 15.42 लाख पहली बार वोट डालने जा रहे हैं. युवा वोटरों को लुभाने के लिए क्या कांग्रेस और क्या बीजेपी, दोनों ही कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. दोनों पार्टियां अलग से यूथ मेनिफेस्टो लाने की भी तैयारी कर रही है. जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने भी वॉट्सअप के जरिए युवा वॉलनटियर्स को अपने साथ जोड़ने की मुहिम शुरू की है.
कांग्रेस का ‘नन्ना कर्नाटक’ अभियान
कांग्रेस ने कर्नाटक के युवा वोटरों तक पहुंचने के लिए ‘नन्ना कर्नाटक’ यानि ‘मेरा कर्नाटक’ अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत टाउन हाल्स, कैंपस समेत तमाम यूथ हब्स में युवाओं तक पहुंचा जाएगा. साथ ही नुक्कड़ सभाएं भी की जाएंगी. कर्नाटक के लिए कांग्रेस के महासचिव प्रभारी केसी वेणुगोपाल के मुताबिक कर्नाटक के युवाओं से जो भी फीडबैक मिलेगा, उसे पार्टी मेनिफेस्टो में जोड़ा जाएगा.
वेणुगोपाल ने इंडिया टुडे से कहा, ‘हमारी योजना युवा लोगों के जेहन तक पहुंच कर उनकी आकांक्षाओं को समझने की है. हमने केंद्र और राज्य से जुड़े पार्टी के युवा नेताओं से कहा है कि वे कैम्पस-कैम्पस, गली-गली, ढाबे-ढाबे जाकर युवा लोगों से संवाद करें. इन युवाओं की राय हमारे लिए बहुत अहम है.’
कांग्रेस जानती है कि कर्नाटक चुनाव में भी बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम को आगे कर युवाओं से वोट मांगेगी. इसकी काट के लिए भी कांग्रेस ये जानती है कि बीजेपी एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम को कर्नाटक में भुनाने की कोशिश करेगी. इसकी काट के लिए कांग्रेस ने कैम्पेन के दौरान युवाओं से जुड़े खास सवालों पर जोर देने की रणनीति बनाई है. मसलन-
-बीते चार साल में प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं के लिए क्या किया?
-केंद्र की ओर से नए रोजगार देने की जगह बड़े पैमाने पर नौकरियां गईं?
-ऊंची शिक्षा हासिल करना महंगा हुआ.
वेणुगोपाल के मुताबिक युवाओं से जुड़े इन मुददों पर राहुल गांधी पहले से ही जोर दे रहे हैं, इन्हें पार्टी कैंपेन में भी प्रमुखता से उठाया जाएगा.
कांग्रेस ने अपने फ्रंटल संगठनों- यूथ कांग्रेस और NSUI को भी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी कैंपस में फुल एक्टिव मोड में रहने के लिए कहा है.
पार्टी फ्रंटल संगठनों के प्रभारी एआईसीसी महासचिव मधु गौड़ यक्षी का कहना है- ‘युवा वोटरों का दिल जीतना बड़ी चुनौती है. ‘नन्ना कर्नाटक’ अभियान के जरिए युवाओं को बताया जाएगा कि कांग्रेस ने कर्नाटक को ग्लोबल डेस्टिनेशन बनाने के लिए क्या क्या किया.’
यक्षी के मुताबिक ये तथ्य भी युवा मतदाताओं के सामने रखे जाएंगे कि बीते साढ़े चार साल में कर्नाटक में कोई नौकरी नहीं गई, सिद्धारमैया सरकार में राज्य में रोजगार सृजन हो रहा है, छात्रों को फ्री बस पास दिए जा रहे हैं, लड़कियों को मुफ्त शिक्षा के साथ लैपटॉप्स दिए जा रहे हैं.’बीजेपी की ‘विन यूथ स्ट्रेटेजी’
बीजेपी भी कर्नाटक के युवाओं को आकर्षित करने के लिए खास रणनीति पर काम कर रही है. बीजेपी को भरोसा है जिस तरह 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी पर युवाओं ने अपार भरोसा जताया था, वैसे ही कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी होगा. यही वजह है कि कर्नाटक के लिए बीजेपी के कैंपेन में युवा प्रमुखता से दिखेंगे. बीजेपी ने इस दिशा में कर्नाटक में शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों के लिए अलग अलग रणनीति तैयार की है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में युवाओं को लुभाने के लिए आईटी प्रोफेशनल्स की सेवाएं ली जा रही हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में एबीवीपी और छात्र नेताओं को ज्यादा से ज्यादा युवाओं तक पहुंच बनाने के लिए कहा गया है.
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव पी मुरलीधर राव के मुताबिक कर्नाटक के युवाओं में चेंज फैक्टर बड़ा मुद्दा है, इसलिए पार्टी उस पर फोकस कर रही है. राव ने कहा, ‘बीजेपी के लिए युवा, खास तौर पर पहली बार वोट करने वाले वोटर, हमेशा बहुत अहम रहे हैं. हमारा फोकस रोजगार, शिक्षा, तकनीक के विकास जैसे सभी पहलुओं के साथ कर्नाटक के भविष्य को आकार देने पर है. इस संबंध में बीजेपी के मेनिफेस्टो में निश्चित तौर पर कुछ घोषणाएं की जाने वाली हैं.’
कहा, बीजेपी ने हमेशा युवा वोटरों और पहली बार के मतदाताओं पर फोकस किया है. हम रोजगार, शिक्षा, तकनीक उन्नयन पर विचार कर रहे हैं. किस तरह कर्नाटक के भविष्य को आकार दिया जाए. बदलाव चाहिए और युवाओं में चेंज फैक्टर अहम मुद्दा है. इसलिए बीजेपी उस पर फोकस कर रही है. हम मैनिफेस्टों में कुछ निश्चित घोषणाएं करने जा रहे हैं.
युवाओं को लुभाने में जेडीएस भी पीछे नहीं
कांग्रेस और बीजेपी की तरह ही जेडीएस को भी चुनाव में युवाशक्ति की अहमियत अच्छी तरह पता है. यही वजह है कि जेडीएस ने वॉट्सअप के जरिए युवा वॉलन्टियर्स को साथ जोड़ने का अभियान शुरु किया है. जेडीएस नेताओं का दावा है कि एक हफ्ते में ही इस अभियान से 50,000 से ज्यादा युवा जुड़े हैं.