इंडिया टुडे की कर्नाटक पंचायत के दूसरे सत्र में कांग्रेस सांसद सचिन पायलट और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शिरकत की. दोनों नेताओं में तीखी बहस के बीच एक मौका ऐसा भी आया, जब सचिन पायलट ने अपने राजनीतिक विरोधी बाबुल सुप्रियो के लिए मंच पर तालियां बजवाईं.
दरअसल हुआ ये कि बाबुल सुप्रियो के बयानों में सभागार में बैठे लोग तालियां नहीं बजा रहे थे, लेकिन सचिन के हर बयान पर जोर-जोर से तालियां बज रही थीं. इस पर बाबुल ने कहा कि यहां बैठे लोग मेरी बात पर तालियां नहीं बजा रहे हैं और मैं भी यही चाहता हूं कि आप लोग कहीं पर भी हाथ का इस्तेमाल न करें, क्योंकि कर्नाटक में 2-3 हाथ मिल गए तो अगले 5 साल बहुत सारे हाथ जलेंगे.
सचिन पायलट ने इस पर तुरंत वहां मौजूद लोगों से कहा कि बाबुल बुरा मान रहे हैं आप लोग जल्दी ताली बजाओ. उन्होंने बाद में कहा कि यहां की जनता किसी एक पक्ष की ओर झुकी नहीं है बल्कि बीजेपी नेताओं के चेहरे से नकाब उतर चुका है, इसीलिए अब जनता उनकी बातों पर तालियां नहीं बजाती है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब 4 साल पहले बीजेपी सत्ता में आई थी तो इनके नेता झूठा-सच्चा कुछ भी बोलते थे तो खूब तालियां बजतीं थीं, लेकिन अब जनता समझ चुकी है और इसलिए तालियां नहीं बजाती है.
सत्ता में आते ही पलट जाती है बीजेपी
सचिन ने कहा कि जब बीजेपी विपक्ष में बैठती है तो हर मुद्दे पर उसकी राय अलग रहती है. वहीं सरकार आने के बाद वह अपने विचारों को पूरी तरह बदल लेती है. ठीक इसी तरह आरएसएस, हिंदू जागरण मंच जैसी संस्थाएं भी बीजेपी के सत्ता में आने के बाद अपना राग बदल लेती हैं. यही बीजेपी की दोहरी राजनीति है. पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बतौर मुख्यमंत्री जीएसटी के विरोध में थे और केन्द्र में आने के बाद अपना विचार बदल लिया.