कर्नाटक की चुनावी महाभारत रेड्डी ब्रदर्स की वापसी से और दिलचस्प हो गई है. खनन किंग माने जाने वाले रेड्डी ब्रदर्स की ये वापसी बीजेपी के लिए क्या चुनाव का रुख मोड़ सकती है? बीजेपी के टिकट बंटवारे में रेड्डी परिवार को पूरा भाव मिलने से कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी जनार्दन रेड्डी बहुत खुश हैं.
बीजेपी की चौथी लिस्ट में सोमवार को बेंगलुरु की बीटीएम लेआउट सीट से लल्लेश रेड्डी को टिकट दिए जाने का ऐलान किया गया. लल्लेश रिश्ते में जनार्दन रेड्डी के भतीजे हैं. इससे पहले जनार्दन रेड्डी के दो भाइयों- गली सोमशेखर रेड्डी को बेल्लारी सिटी सीट और करुणारकर रेड्डी को हरापनहल्ली सीट से बीजेपी टिकट दे चुकी है. रेड्डी ब्रदर्स के बहुत करीबियों में माने जाने वाले श्रीरामलू को मोलाकलमुरु सीट, फकीरप्पा को बेल्लारी ग्रामीण सीट और टीएच सुरेश बाबू को कंपाली सीट से बीजेपी उम्मीदवार बनाया गया है.
तीन रेड्डी भाइयों में करुणाकर सबसे बड़े और सोमाशेखर सबसे छोटे हैं. बेल्लारी और आसपास के इलाके में लोहे के अयस्क के अवैध खनन में अभियुक्त जनार्दन रेड्डी का नाम खनन किंग के तौर पर जाना जाता है. 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में ‘मिशन 150’ के साथ मैदान में उतरी बीजेपी के लिए रेड्डी ब्रदर्स का साथ लेना मजबूरी माना जा रहा है.
कहां हैं जनार्दन रेड्डी?
अरबपति जनार्दन रेड्डी खुद इस बार चुनाव मैदान में नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से जनार्दन रेड्डी को बेल्लारी जिले में घुसने की भी इजाजत नहीं है. इसके बावजूद जनार्दन रेड्डी सियासत के मैदान से बाहर नहीं है. चुनाव में उतरे दोनों भाइयों, रिश्तेदार और करीबियों के प्रचार में जनार्दन रेड्डी की धमक पूरी तरह देखी जा रही है. लोहे के अयस्क के अवैध खनन से जुड़े मामलों में अभियुक्त जनार्दन रेड्डी को बीजेपी ने उम्मीदवार नहीं बनाया है.
बता दें कि कर्नाटक में वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी जनार्दन रेड्डी जेल में थे. बीजेपी ने तब उन्हें पार्टी से बेदखल कर दिया था जिससे रेड्डी का खनन साम्राज्य खतरे में पड़ गया था. तब जनार्दन रेड्डी के करीबी श्रीरामुलू ने अलग बीएसआर कांग्रेस नाम की पार्टी बना कर चुनाव लड़ा था और तीन सीटों पर विजय हासिल की थी.
जनार्दन रेड्डी इस बार उत्तर कर्नाटक के कम से कम 6 जिलों में बीजेपी के प्रचार की कमान अपने हाथ में रखे हुए हैं. इन जिलों के नाम हैं- रायचूर, बेल्लारी, चित्रादुर्गा, कोप्पल, हावेरी और गडग.
बेल्लारी कस्बे से 50 किलोमीटर की दूरी पर गुलबर्गा हाइवे से सटा मोलाकलमरू गांव है. गांव के नाम वाली विधानसभा सीट से रेड्डी ब्रदर्स के करीबी श्रीरामुलू चुनाव लड़ रहे हैं. यहां आसमान में हेलीकॉप्टर्स की आवाजाही देखी जा सकती है. श्रीरामुलू को जनार्दन रेड्डी अपना दत्तक भाई बताते हैं. जनार्दन रेड्डी ने मोलाकलमरु में ही अपने एक समर्थक के फार्महाउस में डेरा डाल रखा है. यहां से वो ना सिर्फ श्रीरामुलू के लिए बल्कि बेल्लारी और आसपास से लड़ रहे अपने भाइयों करुनाकर और सोमाशेखर और करीबी फकीरप्पा के लिए भी रणनीति बना रहे हैं.
येदियुरप्पा सरकार के समय 16,500 करोड़ रुपए के खनन घोटाले के उजागर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जनार्दन रेड्डी के बेल्लारी में घुसने पर रोक लगा दी थी. दिलचस्प है कि बीजेपी लंबे वक्त से रेड्डी ब्रदर्स से दूरी बनाए रखने का दावा करती रही है. लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ना सिर्फ रेड्डी ब्रदर्स को वापस लाई बल्कि खुले हाथ से उन्हें और उनके करीबियों को पार्टी टिकट भी बांटे. क्षेत्र में रेड्डी ब्रदर्स के प्रभाव में चुनावी फायदा देखते हुए बीजेपी को ना दागी नेताओं से परहेज दिखा और ना ही उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों से.
यही रुख पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के लिए भी बीजेपी का रहा. अगर ऐसा ना होता तो पार्टी येदियुरप्पा को इस बार मुख्यमंत्री के लिए अपने चेहरे के तौर पर नहीं उतारती. बेल्लारी में जनार्दन रेड्डी के समर्थक उनके खिलाफ किसी भी आरोप को सही नहीं मानते. देवुपल्ली नाम के शख्स से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रेड्डी को झूठा फंसाया गया. साथ ही बेल्लारी में बीजेपी की जीत का दावा भी किया. बीजेपी की कर्नाटक इकाई का भी कहना है कि रेड्डी का खनन घोटाले से कोई जुड़ाव नहीं था.