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विकास के नाम पर कर्नाटक में चुनाव लड़ेगी कांग्रेसः सिद्धारमैया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह विभाजन की राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी जाति और धर्म के आधार पर लोगों को विभाजित करने की कोशिश करती है. जबकि कांग्रेस ऐसा कुछ नहीं करती. पार्टी विभाजन की राजनीति पसंद नहीं करती.

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कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (फाइल फोटो)
कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (फाइल फोटो)

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कर्नाटक में इस समय विधानसभा चुनाव प्रचार जोरों पर है और राज्य में सत्तारुढ़ कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार फिर से सत्ता में बने रहने की कोशिशों में जुटी है, हालांकि उसे इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से कड़ी चुनौती मिल रही है. सिद्धारमैया का कहना है कि वे विकास के दम पर चुनाव मैदान में उतरेंगे और जीत हासिल करेंगे.

इंडिया टुडे के साथ इंटरव्यू में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह विभाजन की राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी जाति और धर्म के आधार पर लोगों को विभाजित करने की कोशिश करती है, जबकि कांग्रेस ऐसा कुछ नहीं करती. पार्टी विभाजन की राजनीति पसंद नहीं करती.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हर जाति और समुदाय के लोग जुड़े हुए हैं, पार्टी धर्म की राजनीति पर विश्वास नहीं करती. लिंगायत मामले पर उन्होंने कहा कि लिंगायत का मामला बहुत पुराना है. यह आज का मामला नहीं है, यह बहुत पुराना है. वीरशैव लिंगायत को अलग धर्म के रूप में मान्यता देने के लिए सरकार ने पहले स्थिति का जायजा लिया. हमने हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज की अगुवाई में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया. और उसने हमे रिपोर्ट सौंपी और कुछ सुझाव दिए. इसे केंद्र को भेजा और लिंगायत को अलग धर्म के रूप में मान्यता देने की सिफारिश की.

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चुनाव की तारीखों के ऐलान से चंद रोज पहले कर्नाटक कैबिनेट ने 19 मार्च को लिंगायत और वीरशैव लिंगायतों को धार्मिक अल्पसंख्यकों का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश की थी. कर्नाटक सरकार ने नागमोहन समिति की सिफारिशों को स्टेट माइनॉरिटी कमीशन ऐक्ट की धारा 2डी के तहत मंजूरी दी है. कांग्रेस ने लिंगायत धर्म को अलग धर्म का दर्जा देने का समर्थन किया है. दूसरी ओर, बीजेपी अब तक लिंगायतों को हिंदू धर्म का ही हिस्सा मानती रही है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का यह आरोप कि कांग्रेस लिंगायत को धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता देकर धर्म की राजनीति कर रही है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंगायत समुदाय पहले से ही अलग संप्रदाय के रूप में रहा है और उसने मांग की थी कि उन्हें अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता दी जाए.

कांग्रेस राज्य में किस मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी तो मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि सरकार ने विकास कराया है और वह विकास के नाम पर ही चुनाव लड़ेगी. हम जनता के बीच अपने काम के आधार वोट देने की बात कहेंगे.

टिकट बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि टिकट उसी को दिया जाएगा जिसमें जीत की संभावना दिखेगी, साथ ही सामाजिक न्याय के आधार पर भी उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा.

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