लिंगायत मतों का बीजेपी पर भरोसा कायम रहा. कांग्रेस का उन्हें अलग धर्म का दर्जा देने का कार्ड नहीं चला. कर्नाटक में लिंगायत मतों की बड़ी हिस्सेदारी है और यह किंगमेकर मानी जाती है. 16 फीसदी लिंगायत समुदाय के वोट हैं. लिंगायत के मजबूत गढ़ माने जाने वाले सेंट्रल कर्नाटक में बीजेपी के लिए नतीजे बेहतर आए हैं. इसके अलावा बीजेपी अपने मतों को एकजुट करने में कामयाब रही है. जबकि कांग्रेस के वोटबैंक में जबरदस्त सेंधमारी हुई है.