कर्नाटक में एक बार फिर बीजेपी का कमल खिलता दिखाई दे रहा है. सिद्धारमैया की सारी कोशिशें फेल हो गई हैं. वे लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने से लेकर कर्नाटक का अलग झंडा तक का कार्ड चले, लेकिन कोई काम नहीं आया है. बीजेपी की जीत का आधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखा और सत्ता की हारी हुई बाजी को जीत में बदल दिया.