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'हम राजीव गांधी की तरह...' शाह ने याद दिलाया तीन दशक पुराना वो किस्सा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आज तक के कर्नाटक राउंडटेबल कार्यक्रम के दौरान दावा किया कि राज्य में एक बार फिर बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कि किसी नेता के दूसरे दल में जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

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अमित शाह बोले- कर्नाटक में पूरे बहुमत से सरकार बनाएगी बीजेपी
अमित शाह बोले- कर्नाटक में पूरे बहुमत से सरकार बनाएगी बीजेपी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आज तक के कर्नाटक राउंडटेबल (Karnataka Roundtable) कार्यक्रम में शिरकत की और दावा किया कि बीजेपी विधानसभा में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी. शाह ने कहा कि मैं कांग्रेस के नेताओं को चैलेंज करना चाहता हूं कि आपके समय में सरकारों ने राज्य को कितना पैसा दिया था और हमारी सरकार के समय कितना पैसा दिया गया. पुराने किस्से का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, 'हम राजीव गांधी की तरह नहीं है, जब एयरपोर्ट पर वीरेंद्र पाटिल को बदल दिया था कि कल से वीरेंद्र पाटिल मुख्यमंत्री नहीं होंगे, ऐसा हम नहीं कर सकते हैं.'

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पार्टी एकजुट है- शाह

शाह ने कहा, 'कांग्रेस अगर ये मानती है कि वो शेट्टार जी के वहां जानने से जीतती है तो कांग्रेस स्वीकार करती है कि वो अकेले जीतने की स्थिति में नहीं है. हमारा कोई वोट बैंक कहीं नहीं गया है, भाजपा एकजुट है और पूरी बहुमत से सरकार बनाएगी.पार्टी जब कठोर फैसले लेती है तो कई बार नेता उसे स्वीकार करती है और कई चले जाते हैं.'

पीएफआई के मुद्दे का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, 'पीएफआई के मुद्दे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पीएफआई की वजह से यहां हिंसा हो रही थी, हमारे कार्यकर्ता की हत्या हो गई थी. हमने कठोरता बरती इसका परिणाम भी दिखा और लोग अप सेफ भी महसूस कर रहे हैं. '

क्या था वो किस्सा?

जिस किस्से का अमित शाह ने जिक्र किया हम उसके बारे में आपको बता रहे हैं. दरअसल, बात राममंदिर आंदोलन के दौरान की है और कांग्रेस की कमान राजीव गांधी के हाथों में थी तो कर्नाटक की सत्ता पर वीरेंद्र पाटिल काबिज थे. लालकृष्ण आडवाणी राममंदिर के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक के लिए राम रथ यात्रा कर रहे थे. रथ यात्रा के शुरू हुए एक सप्ताह गुजरा था कि कर्नाटक सांप्रदायिक दंगे की चपेट में आ चुका था.

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तीन अक्टूबर 1990 को कर्नाटक के दावणगेरे के मुस्लिम बहुल इलाके में हिंदु समुदाय के लोगों ने एक शोभा यात्रा निकाली थी, जिसके चलते सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था. उसी वक्त चन्नापटना क्षेत्र में एक मुस्लिम लड़की को हिंदू लड़कों ने छेड़ दिया, जिसने आग में घी डालने का काम किया और दोनों समुदाय के बीच तलवारें खिंच गई थीं. दंगे में दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी. कांग्रेस पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया था. हालांकि, तत्कालीन सीएम वीरेंद्र पाटिल को कुछ दिनों पहले ही दिल का दौरा पड़ा था, जिसके चलते वो बिस्तर पर थे. 

राजीव पहुंचे थे कर्नाटक

कर्नाटक में उस समय कांग्रेस के सबसे बड़े मुस्लिम नेता सीके जाफर शरीफ थे, जो कर्नाटक के दंगे को लेकर कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बना रहे थे. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राजीव गांधी सियासी डैमेज कन्ट्रोल के लिए कर्नाटक का दौरा करने के लिए पहुंचे और उनके साथ सीके जाफर शरीफ भी. कांग्रेस नेता एमबी पाटिल ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र से बातचीत में बताया कि सीके जफर शरीफ उस वक्त राजीव गांधी के साथ थे और उन्होंने यह साफ तौर पर कहा था कि राज्य कोको किसी ऐसे व्यक्ति पर नहीं छोड़ा जा सकता जो अस्वस्थ हो. 

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एयरपोर्ट पर ही किया CM  को हटाने का ऐलान

राजीव गांधी ने बेंगलुरु एयरपोर्ट पर पहुंचते ही वीरेंद्र पाटिल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का ऐलान कर दिया. पाटिल लिंगायत समुदाय के बड़े नेता थे. ऐसे में उनकी बर्खास्तगी को विपक्षी दलों ने लिंगायत समुदाय के अपमान की तौर पर प्रचारित किया गया. हालांकि, पाटिल को हटाने के पीछे कांग्रेस कांग्रेस तर्क देती रही है कि उनके खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्हें आराम देने के लिए ही पद से हटाया गया था तो दूसरी ओर यह भी कहा गया कि पाटिल के बीमार होने के बावजूद राजीव गांधी ने लिंगायत नेता से मिलना मुनासिब नहीं समझा.

साल 1989 में जब राजीव गांधी ने केंद्र में सत्ता खो दी थी तब वीरेंद्र पाटिल ने कर्नाटक में जनता दल के रामकृष्ण हेगड़े और जनता पार्टी के एचडी देवगौड़ा दोनों को हराकर पार्टी को बड़ी जीत दिलाई थी. हेगड़े लिंगायतों के सबसे बड़े नेता थे, लेकिन वीरेंद्र पाटिल के चलते लिंगायत समुदाय ने कांग्रेस को एकमुश्त वोट दिया था.

 

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