कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी से नाराज बीजेपी नेता जगदीश शेट्टार ने 10 मई को होने वाले चुनाव के लिए कैंडिडेट की तीसरी लिस्ट जारी करने के लिए शनिवार तक अल्टीमेटम दिया है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी चुनाव के लिए अपने कैंडिडेट्स की दूसरी लिस्ट जारी कर चुकी है. इसमें पार्टी ने 23 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था. इसके साथ ही बीजेपी अभी तक 224 में से 213 नामों की घोषणा कर चुकी है. वहीं चुनाव लड़ने को लेकर शेट्टार ने कहा कि वह अपने समर्थकों से बात करने के बाद फैसला करेंगे.
बीजेपी नेता शेट्टार ने कहा कि जब मैं पार्टी के नेताओं से मिला, तो उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी. मैं शनिवार सुबह तक लिस्ट का इंतजार करूंगा. दोपहर तक मैं अपने शुभचिंतकों के साथ बैठक करूंगा. मेरे समर्थक राज्यभर से आ रहे हैं. वे मेरे साथ हैं, वे कह रहे हैं कि भाजपा को ऐसा नहीं करना चाहिए था और उन्होंने मेरा अपमान किया है. वे मुझसे फैसला लेने के लिए कह रहे हैं और मेरे साथ खड़े होने का वादा किया है.
दरअसल, शेट्टार को बीजेपी ने पहले कथित तौर पर चुनाव नहीं लड़ने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने बगावती तेवर दिखाते हुए कहा था कि वह किसी भी कीमत पर चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद बीजेपी आलाकमान ने शेट्टार को दिल्ली बुलाया था, जहां उनकी मुलाकात पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा से हुई. इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शेट्टार ने कहा, 'आज मैंने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा. मैंने पिछले छह चुनाव जीते हैं. उन्होंने कहा कि वह अन्य नेताओं के साथ इस पर चर्चा करेंगे और हम एक निष्कर्ष पर पहुंचेंगे.'
जगदीश शेट्टार ने कहा कि मैं पॉजिटिव सोच वाला व्यक्ति हूं. मुझे अभी भी उम्मीद है. जब मैं जेपी नड्डा जी से मिला, तो मैंने उन्हें बताया कि मैं दो दिन इंतजार करूंगा और उनसे तब तक फैसला करने के लिए कहा. लिहाजा मैंने 2 दिन इंतजार किया है. शनिवार को हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और सभी की राय लेंगे. अगर बीजेपी तीसरी लिस्ट की घोषणा नहीं करती है, तो मैं अगला कदम उठाऊंगा. वहीं, शेट्टार को टिकट की घोषणा में देरी के विरोध में, हुबली धारवाड़ नगर निगम के 16 भाजपा सदस्यों ने पार्टी के राज्य प्रमुख नलिन कुमार कतील को सामूहिक इस्तीफा दे दिया है.
बीजेपी ने मंगलवार को 189 उम्मीदवारों की पहली सूची और बुधवार को 23 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की, जिससे कई नेता नाराज हैं.कई विधायक और एमएलसी टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन दोनों सूचियों में उनके टिकट काट दिए गए. इससे धड़ाधड़ इस्तीफों की झड़ी लग गई. इसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी भी शामिल हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार स्वच्छ छवि के नेता माने जाते हैं. पांच दशक के राजनीतिक सफर में शेट्टार मंत्री से लेकर सीएम रहे, लेकिन राजनीतिक जीवन में कोई दाग नहीं लगा है. उन्होंने खुद कहा है कि मैं छह बार जीता, मेरे करियर में कोई दाग नहीं है और मुझ पर कोई आरोप नहीं है. ऐसे में मुझे बाहर क्यों किया जा रहा है? कर्नाटक की सियासत में इतने लंबी पारी में भ्रष्टाचार के आरोपों से बचे रहना अपने आप में बड़ी बात है.
जगदीश शेट्टार को सियासत विरासत में मिली है. शेट्टार के पिता एसएस शेट्टार हुबली-धारवाड़ के मेयर रहे हैं. इसके अलावा उनके भाई एमएलसी और चाचा विधायक हैं. इस तरह से शेट्टार परिवार की हुबली-धारवाड़ इलाके में मजबूत पकड़ है. ऐसे में शेट्टार के टिकट कटने से परिवार के बाकी सदस्य नाराज हो सकते हैं. इसलिए बीजेपी फिलहाल उन्हें नाराज कर पार्टी से दूर नहीं करना चाहती है?
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