कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. बीजेपी सत्ता कायम रखने तो कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं. कांग्रेस ने राज्य में करप्शन को बड़ा मुद्दा बनाया हुआ है और वो लगातार इसे लेकर बोम्मई सरकार पर हमलावर है. देश के तीन राज्यों में सिमटी कांग्रेस खुद को मजबूत करने का हर मौका भुनाना चाहती है.
कर्नाटक में उसे उम्मीद है कि बीजेपी के खिलाफ भ्रष्टाचार का कार्ड काम करेगा. यही वजह है कि राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, डीके शिवकुमार तक हर कांग्रेस नेता भ्रष्टाचार पर ही बीजेपी को घेर रहा है. कांग्रेस ने भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरने के लिए पूरे प्रदेश में PayCM से लेकर PayMLA तक के अभियान चला डाला. आइये समझते हैं कि करप्शन के वो कौन-कौन से मामले हैं जिन्हें बोम्मई सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने हथियार बना लिया है.
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40 फीसदी कमीशन वाली सरकार का आरोप
बेलगावी के ठेकेदार संतोष पाटिल ने पिछले साल एक होटल में फांसी लगा ली थी. सुसाइड नोट में उसने शिवमोगा के बीजेपी विधायक और ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा पर आरोप लगाया था कि वे सरकारी ठेके में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे. स्टेट कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने पीएम तक से इसकी शिकायत कर डाली. सरकार जब पर घिरने लगी तो ईश्वरप्पा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. एसोसिएशन ने जुलाई 2021 में भी इन्हीं आरोपों को लेकर पीएम को पत्र लिखा था. जनवरी 2022 में एसोसिएशन के अध्यक्ष मंजूनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि बीजेपी सरकार के कई मंत्री और विधायक रिश्वत मांगते हैं.
पिछले महीने राहुल गांधी ने युवा ध्वनि रैली में कहा था कि कर्नाटक की बीजेपी सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार है. इस सरकार में कुछ भी करवाना हो तो '40% कमीशन' देना पड़ता है.
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मठ से 30% कमीशन लेने का लगा आरोप
पिछले साल लिंगायत समुदाय से जुड़े बालेहोसुर मठ के संत डिंगलेश्वर स्वामी ने आरोप लगाया था कि किसी संत तक अनुदान की राशि 30 प्रतिशत कमीशन के बाद ही पहुंचती है. संत के आरोपों के बाद सीएम बसवराज बोम्मई को जांच का आश्वासन देना पड़ा था. लिंगायत समुदाय की आबादी राज्य में करीब 17 फीसदी है, जिनकी प्रदेश के चुनावों में अहम भूमिका रहती है. ऐसे में बीजेपी इस समुदाय को नाराज नहीं करना चाहती.
स्कूलों के नाम पर रिश्वतखोरी की पीएम से शिकायत
कर्नाटक की स्कूल एसोसिएशन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बोम्मई सरकार में भ्रष्टाचार की शिकायत की थी. 13 हजार स्कूल इस एसोसिएशन के जुड़े हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता देने के लिए विभाग से रिश्वत मांगी जा रही है. बिना किसी लॉजिक के तर्कहीन, भेदभावपूर्ण और गैर-अनुपालन मानदंड केवल गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों पर लागू किए जा रहे हैं, इस कारण बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है. इस लेटर में उन्होंने बीजेपी के दो मंत्रियों पर शिक्षा का व्यवसायीकरण करने का भी आरोप लगाया था.
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केएसडीएल घोटाला, MLA का बेटा अरेस्ट
यह घोटाला सरकार के स्वामित्व वाली केएसडीएल (कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट लिमिटेड) कंपनी को केमिकल की आपूर्ति से जुड़ा है. इसमें 81 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है. इस मामले में बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत को भ्रष्टाचार रोधी लोकायुक्त ने 40 लाख की घूस लेते रंगे हाथों अरेस्ट किया था. लोकायुक्त टीम को तलाशी में बीजेपी विधायक के ठिकानों से कुल 8 करोड़ कैश भी मिला. इसके बाद विधायक को कंपनी के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना पड़ा है.
गुड़ निर्यात में घोटाले की लोकायुक्त से शिकायत
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने आरोप लगाया था कि मुंबई की कंपनी केएन रिसोर्सेज ने सितंबर 2020 में 2 लाख टन शीरे के निर्यात की अनुमति मांगी थी. बोम्मई सरकार ने दस्तावेज अधूरे होने के बाद भी उसे लाइसेंस दे दिया. डिस्टिलर्स ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा था कि इससे राज्य सरकार की आय भी प्रभावित होगी लेकिन उनके विरोध को अनसुना कर दिया गया. अब लांच मुक्ता कर्नाटक निर्माण वेदिके नाम की संस्था ने कंपनी के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई है.
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एक वोट की कीमत 6 हजार रुपये पर केस दर्ज
कांग्रेस ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कर्नाटक पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील, सीएम बोम्मई और विधायक रमेश जारकीहोली पर चुनाव में वोटर्स को लुभाने के लिए रिश्वत की पेशकश की पुलिस से शिकायत की है. दरअसल राज्य के पूर्व जल संसाधन मंत्री रमेश जारकीहोली ने एक रैली में कह दिया था कि चुनाव में बीजेपी हर वोट पर 6,000 रुपये देगी. जारकीहोली को ही सेक्स स्कैंडल में लिप्त होने के आरोपों के कारण इस्तीफा देना पड़ा था. मामले ने जब तूल पकड़ा तो बीजेपी की तरफ से सिंचाई मंत्री गोविंद करजोल को कहना पड़ा कि बीजेपी में इस तरह की चीजों के लिए कोई जगह नहीं है.
बीजेपी के पास क्या है जवाब
कर्नाटक में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस की आक्रामक रणनीति का जवाब बीजेपी अपने तरीके से दे रही है. वो कांग्रेस सरकार में हुए भ्रष्टाचार की लिस्ट दिखा रही है. फरवरी में भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर सीएम बासवराज बोम्मई ने कहा था,'कांग्रेस सरकार के दौरान भ्रष्टाचार चरम पर था. पहले उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों पर जवाब देने दीजिए. कांग्रेस और करप्शन (भ्रष्टाचार) दोनों की शुरुआत 'C' से होती है, इसलिए ये दोनों समान हैं. कांग्रेस के खिलाफ 60 से ज्यादा भ्रष्टाचार के मामलों की लोकायुक्त जांच कर रहे हैं.'ग
क्या कर्नाटक में रिवाज बदल पाएगी बीजेपी
हिमाचल प्रदेश की तरह कर्नाटक में भी हर पांच साल में सत्ता बदलने का रिवाज रहा है. हिमाचल चुनाव के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि इस बार राज नहीं, रिवाज बदलेगा. हालांकि उनका कहा सही साबित नहीं हुआ. अब कर्नाटक में उनके सामने रिवाज बदलने की चुनौती है. बीजेपी के साथ दिक्कत ये भी है कि 2013 में उसे भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही अपनी सत्ता गंवानी पड़ी थी. इस बार भी भ्रष्टाचार के कई मामलों में उसने अपने ही मंत्रियों-नेताओं का इस्तीफा लिया है या फिर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. ऐसे में कांग्रेस के वार पर पलटवार के लिए पार्टी अपनी रणनीति में कुछ नए हथियार जोड़ सकती है.