कर्नाटक में 1985 से जो होता आ रहा था, वही हुआ. यानी कि सत्ता बदल ही गई. बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई है तो कांग्रेस की वापसी हो गई है. चुनाव आयोग के मुताबिक, कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 136 सीटें जीत ली हैं. बीजेपी को 64 सीटें मिली हैं, जबकि जेडीएस के खाते में 19 सीटें आईं हैं. 34 साल में ये पहली बार है जब किसी पार्टी को इतनी ज्यादा सीट मिली हैं. इससे पहले 1978 में कांग्रेस ने ही 178 सीटें जीती थीं. कांग्रेस की इतनी बड़ी जीत हासिल करने पर पार्टी नेता 'भारत जोड़ो यात्रा' को भी श्रेय दे रहे हैं.
राहुल ने कर्नाटक की 20 विधानसभा सीटों को कवर किया था
भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राहुल गांधी ने कर्नाटक में 20 दिन में करीब 500 किलोमीटर का सफर किया था. इस यात्रा के दौरान राहुल ने कर्नाटक की 20 विधानसभा सीटों को कवर किया था. इसमें बेल्लारी (एसटी), बेल्लारी सिटी, गुंडलुपेट, चल्लाकेरे (एसटी), हीरियूर, मोलाकामुरू (एसटी), नागामंगला, श्रीरंगापटना, नंजनगुड (एससी), नरसिम्हाराजा, वरुणा, रायपुर ग्रामीण, गुबी और सिरा में कांग्रेस की जीत हुई है. जेडीएस को चामुंडेश्वरी, चिक्कानयाक्कानाहल्ली और तुरुवेकोर तो बीजेपी को कृष्णाराजा और रायचुर में जीत मिली है.
20 में से 15 सीटें कांग्रेस ने जीती- जयराम रमेश का ट्वीट
जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि 20 में से 15 सीटें कांग्रेस ने जीती, जबकि, दो बीजेपी और तीन जेडीएस के पास गईं. जबकि, 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने इन 20 में से 5 सीट ही जीती थीं. साथ ही बीजेपी ने 9 और जेडीएस ने 6 सीट पर जीत हासिल की थी.
गौरतलब है कि राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' की एंट्री 30 सितंबर को हुई थी. कर्नाटक में उनकी यात्रा 22 दिन चली थी और उन्होंने 500 किलोमीटर से ज्यादा का सफर किया था. राहुल की ये यात्रा सात जिले- चामराजनगर, मैसूरु, मंड्या, तुमकुर, चित्रदुर्गा, बेल्लारी और रायचुर से होकर गुजरी थी.
ये यात्रा संजीवनी की तरह थी- जयराम रमेश
कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा के प्रदर्शन की भूमिका के बारे में न्यूज एजेंसी से बात करते हुए जयराम रमेश ने कहा, 'ये यात्रा संजीवनी की तरह थी. इसने संगठन को ऊर्जा दी और नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच एकता और एकजुटता की भावना पैदा की.' कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, 'भारत जोड़ो यात्रा ने भारतीय राजनीति में एक नए नैरेटिव की शुरुआत की है, जिसका लोग इंतजार कर रहे थे.'
दरअसल, राहुल गांधी ने पिछले साल सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू की थी. इसके बाद ये यात्रा तिरुवनंतपुरम (केरल), कोच्चि (केरल), नीलंबुर (केरल), मैसूर (कर्नाटक), बेल्लारी (कर्नाटक), रायचुर (कर्नाटक), विकराबाद (तेलंगाना), नांदेड़ (महाराष्ट्र), जलगांव जामोद (महाराष्ट्र), इंदौर (मध्य प्रदेश), कोटा (राजस्थान), दौसा (राजस्थान), अलवर (राजस्थान), बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश), दिल्ली, अम्बाला (हरियाणा), पठानकोट (पंजाब), जम्मू (जम्मू-कश्मीर) और श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) तक पहुंची.
12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से गुजरी यात्रा
12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से होते हुए ये यात्रा गुजरी. इस दौरान राहुल गांधी ने 3 हजार 570 किलोमीटर लंबी 'पदयात्रा' की थी. 136 दिन की इस यात्रा में राहुल गांधी ने 12 सभाओं को संबोधित किया. वहीं, 100 से ज्यादा कॉर्नर मीटिंग्स और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं. इनके अलावा 275 से ज्यादा वॉकिंग इंटरेक्शन और 100 से ज्यादा सिटिंग इंटरेक्शन किए.