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आजतक का Exit Poll फिर साबित हुआ Exact Poll, जानिए कहां हुआ BJP को सबसे अधिक नुकसान

'आज तक और एक्सिस माय इंडिया' के सर्वे में कांग्रेस को 122-140 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था और अब कमोबेश वहीं तस्वीर सामने आई है. सर्वे में बीजेपी को 62-80 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था और अब वह सही साबित हुआ है.

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कर्नाटक चुनाव में फिर सही साबित हुआ 'आज तक' का एग्जिट पोल
कर्नाटक चुनाव में फिर सही साबित हुआ 'आज तक' का एग्जिट पोल

कर्नाटक चुनाव के रूझान नतीजों में तब्दील होना शुरू हो गए हैं और उसने फिर से साबित कर दिया है कि चुनावी सर्वे करने में 'आज तक और एक्सिस माय इंडिया' का कोई मुकाबला नहीं है.  'आज तक और एक्सिस माय इंडिया' के सर्वे में कांग्रेस को 122-140 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था और अब कमोबेश वहीं तस्वीर सामने आई है. सर्वे में बीजेपी को 62-80 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था और अब वह सही साबित हुआ है. कांग्रेस को 136 सीटें और बीजेपी को 65 सीटें मिली हैं. वहीं जेडीएस को 19 और अन्य को चार सीटें मिली हैं.

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दरअसल, कर्नाटक की  'आज तक और एक्सिस माय इंडिया' की टीम ने कर्नाटक की 224 विधानभा सीटों में से प्रत्येक विधानसभा के 10 गांवों का दौरा कर यह सर्वे किया था. कर्नाटक के किस इलाके में बीजेपी-कांग्रेस को फायदा या नुकसान हुआ, इसकी जानकारी हम आपको विस्तार से दे रहे हैं. इस विश्लेषण के जरिए यह समझने की कोशिश है कि किस समुदाय के वोटर ने किस दल पर भरोसा जताया.

बेंगलुरु शहर (28 सीटें)

बंगलुरु के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कुल 28 विधानसभा सीटे हैं. इस बार भी कांग्रेस को यहां 15 सीटें मिली हैं. पिछले 2018 के चुनावों में भी कांग्रेस के खाते में 15 सीटें ही आई थीं. वहीं इस बार बीजेपी को 13 सीटें मिली हैं, जबकि पिछले चुनाव में बीजेपी को 11 और जेडीएस को दो सीटें मिली थीं. इस बार इस क्षेत्र में जेडीएस का खाता भी नहीं खुल सका है.

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करावल तटीय इलाका (19 सीटें)

इस इलाके में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है. यहां बीजेपी 16 सीटें जीती हैं. वहीं कांग्रेस को तीन और अन्य को एक सीट मिली है. जेडीएस का खाता भी नहीं खुल सका है.

हैदराबाद कर्नाटक  (40 सीटें)

हैदराबाद कर्नाटक में कुल 40 सीटें आती हैं. ये राज्य का उत्तर-पूर्वी हिस्सा है और कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. इस बार के चुनावों में यहां पर कांग्रेस को 26 सीटें मिली हैं, जबकि 2018 में 21 सीटें मिली थीं. बीजेपी को पिछले साल के मुकाबले 6 सीटों का नुकसान हुआ है. इस बार बीजेपी 10 ही जीत सकी हैं. वहीं जेडीएस के खाते में 3 और अन्य के खाते में दो सीटें गई हैं.

महाराष्ट्र कर्नाटक (50 सीटें)

महाराष्ट्र-कर्नाटक क्षेत्र में 50 सीटें आती हैं. इसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है. यहां बीजेपी को बड़ा नुकसान हुआ है. पिछले बार बीजेपी को 30 सीटें मिली थीं लेकिन इस बार महज 16 सीटें ही पार्टी के खाते में आई हैं. वहीं कांग्रेस को बढ़त मिलते हुए इस बार 33 सीटें मिली हैं. जेडीएस के खाते में 1 सीट आई है.सीएम बोम्मई यहीं से आते हैं. बीजेपी की हार कहीं हुई है तो वह महाराष्ट्र कर्नाटक में हुई है.एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के मुताबिक, लिंगायत का पूरा वोट बीजेपी को मिला है. ओबीसी समुदाय यहां बड़ी संख्या मे है और वो कांग्रेस की तरफ गया है. मराठी वोटर बीजेपी को गए हैं. यहां बीजेपी की तूती बोलती थी लेकिन यहां बीजेपी आधे में पहुंच गई है. मराठी वर्सेज और कन्नडिगा सम्मान की लड़ाई यहां जमकर हुई थी. बीजेपी को यहां जबरदस्त हार मिली है. जेडीएस को यहां एक सीट का नुकसान हुआ है.

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ओल्ड मैसूर (64 सीटें)

ओल्ड मैसूर जेडीएस का गढ़ माना जाता है. लेकिन इस बार पार्टी को यहां भी झटका लगा है. कारण, पिछले चुनाव में जेडीएस को यहां 26 सीटें मिली थीं लेकिन इस बार 19 सीटें ही खाते में आई हैं. वहीं कांग्रेस को 37, बीजेपी को 5 और अन्य को 3 सीटें मिली हैं.

मध्य कर्नाटक (23 सीटें)

मध्य कर्नाटक में 31 विधानसभा सीटें आती हैं. ये बीजेपी का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार के चुनाव में बीजेपी को यहां भी बड़ा झटका लगा है. बीजेपी को इस क्षेत्र में महज 7 सीटें मिली हैं, जबकि पिछले चुनावों में 20 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस को इस बार 21 सीटें मिली हैं और जेडीएस को तीन सीटें मिली हैं.

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