कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की सरकार ने बड़ा दांव खेला है. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार ने मुसलमानों के लिए आवंटित 4 प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर दिया है. इसके साथ ही राज्य के आरक्षण कोटा में बड़े बदलाव किए हैं. अब एससी को 17% आरक्षण दिया जाएगा. लिंगायत-वोक्कालिगा समुदाय के लिए आरक्षण में बढ़ोतरी की गई है.
इसी मुद्दे पर कर्नाटक राउंड टेबल 2023 में बात की, लिंगायत धर्मगुरु बसवराजेंद्र मृत्युंजय स्वामी, कर्नाटक बैकवर्ड क्लास कमीशन के चेयरमैन, के जयप्रकाश हेगड़े और बीजेपी विधायक और लिंगायत नेता अरविंद बेलाड ने. इस बातचीत में उन्होंने कहा, नई आरक्षण नीति किसी तरह गलत धारणा नहीं, बल्कि लिंगायत और वोक्कालिगा को मिला न्याय है.
सरकार ने लिया है सही फैसला: बसवराजेंद्र मृत्युंजय स्वामी
इस मौके पर बसवराजेंद्र मृत्युंजय स्वामी (लिंगायत धर्मगुरु) ने मुस्लिम आरक्षण पर सरकार के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने बताया कि सरकार के नए फैसले में क्या-क्या शामिल है. स्वामी ने कहा, लिंगायतों को जिसका इंतजार था, वह मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आरक्षण की दो नई श्रेणियों की घोषणा की और वोक्कालिगा और लिंगायत के बीच चार प्रतिशत मुस्लिम कोटा बांट दिया है. कर्नाटक राउंडटेबल 2023 में मृत्युंजय स्वामी ने कहा, "हमारे मुस्लिम समुदाय में, कर्नाटक में भाईचारा है. 2 प्रतिशत आरक्षण हमारा अधिकार है." आरक्षण कोटा विवाद को लेकर कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में हुए विरोध प्रदर्शनों के बारे में मृत्युंजय स्वामी ने कहा, "हम सरकार से बंजारों जैसे विभिन्न समुदायों की शिकायतों का समाधान करने का अनुरोध करते हैं."
कांग्रेस की गलतियां सुधार रही भाजपाः अरविंद बेलाड
इस मुद्दे पर बीजेपी नेता, अरविंद बेलाड ने कहा कि 'कर्नाटक में भाजपा की सरकार, कांग्रेस की वो गलतियां सुधार रही हैं, जो इस पार्टी ने बड़े ही ऐतिहासिक तौर पर की थीं. बीजेपी एमएलए अरविंद बेलाड ने कहा कि कांग्रेस ने गलत तरीके से मुस्लिमों को ओबीसी में 4 प्रतिशत आरक्षण दिया. यह आरक्षण एक तरीके से असमानता के व्यवहार का कारण बन गया था. भाजपा ने इसे सही तौर पर खत्म करके अब जो नई पॉलिसी लागू की है, इसके तहत वोक्कालिगा और लिंगायत को सामाजिक न्याय प्रदान किया है. यह न्याय काफी लंबे समय से लंबित था.
क्या आरक्षण अभी भी जरूरी?
यह पूछे जाने पर कि क्या 21वीं सदी में वाकई में आरक्षण जरूरी है, अरविंद बेलाड ने कहा, "आरक्षण जरूरी है. झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को समान अवसर नहीं मिलते हैं. भाजपा ने भी आरक्षण के भीतर आरक्षण देने के लिए कदम उठाए हैं. उदाहरण के लिए, पिछड़े अनुसूचित जाति के लोग अलग आरक्षण दिया गया है."
जगदीश शेट्टार जैसे भाजपा नेताओं के पार्टी छोड़ने और येदियुरप्पा को दरकिनार किए जाने के दावों पर, अरविंद बेलाड ने कहा, "इससे पार्टी के प्राथमिक कोर वोटबैंक को नुकसान नहीं होगा. लिंगायत जानते हैं कि उनके हित कहां हैं. कांग्रेस के तहत, केवल एक लिंगायत मुख्यमंत्री था. उन्हें भी (वीरेंद्र पाटिल) हटा दिया गया और पार्टी हार गई.
सुप्रीम कोर्ट ने जताई है नाराजगी
बता दें कि नई आरक्षण नीति पर बीते दिनों, सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि 'राज्य सरकार का फैसला बिल्कुल गलत धारणा पर आधारित है. शीर्ष अदालत ने कहा, ''वोक्कालिगा व लिंगायत के लिए दो-दो प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने का व मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत ओबीसी आरक्षण खत्म करने का कर्नाटक का फैसला प्रथम दृष्टया त्रुटिपूर्ण है.'' इस पर कर्नाटक बैकवर्ड क्लास कमीशन के चेयरमैन, के जयप्रकाश हेगड़े ने कहा कि, यह सरकार का फैसला है. उन्होंने इस मामले में अंतरित सुझाव रिपोर्ट सौंपी थी.