scorecardresearch
 

कांग्रेस को पिछली बार से 58 सीटों का फायदा, कर्नाटक में कैसे ऊपर चढ़ा पार्टी का ग्राफ

कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजों ने कांग्रेस की ताकत को और ज्यादा बढ़ा दिया है. इसके अलावा कांग्रेस के वोट शेयर में भी इजाफा हुआ है. साल 2018 में कांग्रेस का वोट शेयर 38 फीसदी के आसपास था, जो इस बार 43 फीसदी से ज्यादा होने की उम्मीद है.

Advertisement
X
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत
कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत

कर्नाटक में विधानसभा की स्थिति अब लगभग स्पष्ट हो चुकी है. इन चुनावों में कांग्रेस को भारी जीत मिली है. अब तक सामने आ चुके नतीजों में कांग्रेस को 136 तो भाजपा को 65 सीटें मिल गई हैं. वहीं JDS को 19 सीटें मिल चुकी हैं. इसके अलावा 4 सीटें अन्य के खाते में गई हैं. इन चुनावों ने कांग्रेस की ताकत को और ज्यादा बढ़ा दिया है. इसके अलावा कांग्रेस के वोट शेयर में भी इजाफा हुआ है. साल 2018 में कांग्रेस का वोट शेयर 38 फीसदी के आसपास था, जो इस बार 43 फीसदी से ज्यादा होने की उम्मीद है.

Advertisement

हालांकि, ये चुनाव कांग्रेस से ज्यादा उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए काफी अहम था. उसकी वजह ये कि कर्नाटक खड़गे का गृहराज्य है और गृहराज्य होने के नाते चुनाव में पार्टी का जीतना और भी ज्यादा अहम हो जाता है. 

बीते 6 चुनावों का वोट शेयर

इन विधानसभा चुनावों को पांच ग्राफिक्स के जरिए समझा जा सकता है. बीते 6 विधानसभा चुनावों में बीजेपी-कांग्रेस-जेडीएस के वोट शेयर पर नजर डाली जाए तो आंकड़ा कुछ ऐसा है. 

वोट शेयर

वोट शेयर में BJP-कांग्रेस को कितना नफा नुकसान?

वोट शेयर के मामले में बीजेपी-कांग्रेस को कितना नफा-नुकसान हुआ है, उसे इस ग्राफिक्स के जरिए समझा जा सकता है. 

नफा नुकसान

कितना फायदा, कितना नुकसान?

साल 2018 में बीजेपी को 104 सीटें मिली थीं जबकि उससे भी पिछले चुनावों (2013) की बात की जाए तो भाजपा को 64 सीटों पर फायदा हुआ था.  इसके अलावा 2023 में भाजपा को कुल 64 सीटें ही मिली हैं. जबकि पिछली बार (2018) से तुलना की जाए तो पार्टी को 39 सीटों का नुकसान हुआ है. इसके अलावा कांग्रेस की सीटों पर नजर डाली जाए तो कांग्रेस को 78 सीटें मिली थीं, जो कि उससे पिछले चुनावों की तुलना में 44 सीटों का नुकसान था. वहीं इस बार के चुनावी आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पार्टी को 136 सीटें मिली हैं जो कि पिछली बार (2018) के मुकाबले 58 सीटों का फायदा है. 

Advertisement

आंकड़ा

JDS का नफा-नुकसान

इसके अलावा जेडीएस के नफा-नुकसान की बात की जाए तो 2018 में JDS को 37 सीटें मिली थीं और 18.30% वोट शेयर था. जबकि इस बार यानी 2023 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को 19 सीटें मिली हैं और 13.30% वोट मिले हैं. 

जेडीएस

कितनी बदल जाएगी विधानसभा की स्थिति

इसके अलावा एक नजर इस आंकड़े पर भी डाल लेते हैं कि इन नतीजों के बाद कर्नाटक विधानसभा की स्थिति कितनी बदल जाएगी. मौजूदा वक्त में बीजेपी+ की 117, कांग्रेस+ की 69, JDS की 29 तो अन्य के पास 3 सीटें मौजूद हैं. इसके अलावा मौजूदा वक्त में 6 सीटें खाली हैं. साथ ही बताते चलें कि इन नतीजों के बाद भाजपा महज 65 सीटों पर सिमट कर रह गई है. इसके अलावा कांग्रेस को 136 सीटें मिली हैं तो जेडीएस को 20 सीटें और अन्य को 4 सीटें मिली हैं. 

कितनी बदलेगी स्थिति

सिद्धारमैया के बेटे का आया बयान

डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया... कर्नाटक का सीएम कौन होगा इसपर सस्पेंस बरकरार है. इस बीच सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया का बयान आया है. उन्होंने कहा, 'अगर मेरे पिता अगले सीएम होंगे तो मुझे बड़ी खुशी होगी. सिर्फ बेटे के तौर पर नहीं, एक नागरिक के तौर पर भी मुझे अच्छा लगेगा.'

Advertisement

प्रियंका ने दी जीत की बधाई

कांग्रेस की इस जीत पर प्रियंका गांधी ने कर्नाटक की जनता का आभार जताया है, वह बोलीं, 'जनता समस्याओं के समाधान की राजनीति चाहती है. हिमाचाल और कर्नाटक ने दिखाया कि ध्यान भटकाने की राजनीति के लिए कोइ जगह नहीं है.' प्रियंका ने कहा कि भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों पर जनता ने वोट किया.

 

Advertisement
Advertisement