scorecardresearch
 

केरल: पलक्कड़ से श्रीधरन कड़े मुकाबले में, जानें अन्य हॉट सीटों का हाल  

केरल राज्य में वैसे तो मुख्य मुकाबला मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के  बीच है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) कई सीटों पर इसे त्रिकोणीय बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. 

Advertisement
X
केरल में यूडीएफ बनाम एलडीएफ की मुख्य लड़ाई
केरल में यूडीएफ बनाम एलडीएफ की मुख्य लड़ाई
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राज्य में 6 अप्रैल को एक चरण में चुनाव
  • एलडीएफ और यूडीएफ में मुख्य मुकाबला
  • बीजेपी त्रिकोणीय बनाने के लिए लगा रही जोर

केरल की 140 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए 6 अप्रैल को एक चरण में होने वाले चुनाव के लिए लड़ाई पूरे शबाब पर है. ई श्रीधरन जैसे कई दिग्गजों के आने से कई सीटों पर चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो गई है. आइए जानते हैं राज्य की कुछ हॉट सीटों का हाल.

Advertisement

राज्य में वैसे तो मुख्य मुकाबला मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M या माकपा) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के  बीच है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) कई सीटों पर इसे त्रिकोणीय बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है. 

पुथुपल्ली

केरल के कोट्टयम जिले में स्थ‍ित पुथुपल्ली सीट पर 'डेविड बनाम गोलिएथ' की लड़ाई है. यहां से राज्य में दो बार मुख्यमंत्री रह चुके 77 वर्षीय ओमन चांडी कांग्रेस यानी यूडीएफ की तरह से उम्मीदवार हैं. उनके सामने हैं सीपीआई (एम) यानी एलडीएफ के 30 साल के युवा उम्मीदवार जैक सी. थॉमस. थॉमस ने अपना राजनीतिक करियर एसएफआई के एक स्टूडेंट लीडर के रूप में शुरू किया था. साल 2016 में भी यहां से चांडी करीब 27 हजार वोटों से विजयी हुए थे. यह सीट चांडी की गढ़ मानी जाती है. चांडी पहली बार 1970 में यहां से विधायक बने थे और इस बार जीते तो यह उनकी 12वीं जीत होगी. 

Advertisement

धरमादोम 

उत्तरी केरल का यह क्षेत्र राज्य की सबसे वीआईपी सीटों में से हैं, क्योंकि यहां से राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री पिनराई विजयन उम्मीदवार हैं. वह अपनी सीट बचाए रखने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं. बीजेपी ने यहां से अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीके. पद्मनाभन को कैंडिडेट बनाया है. सी रघुनाथ कांग्रेस से कैंडिडेट हैं. लेकिन विजयन को असली चुनौती मिल रही है 'वलायार सिस्टर्स' की मां से. वे ऐसी दुख‍ियारी मां हैं, जिनकी दो बेटियों को यौन उत्पीड़न के बाद मौत के घाट उतार दिया गया. वे अब अपनी दिवंगत बेटियों को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही हैं. 

पलक्कड़ 

गैर मलयाली लोगाें की बड़ी जनसंख्या वाला पलक्कड़ में त्रिकोणीय लड़ाई है. यहां पिछली बार कांग्रेस और बीजेपी के बाद लेफ्ट कैंडिडेट तीसरे स्थान पर थे, जबकि राज्य में वामपंथी दलों की सरकार बनी थी. इस बार बीजेपी ने यहां से मेट्रो मैन ई. श्रीधरन को उम्मीदवार बनाया है, इस वजह से यह सीट काफी चर्चा में आई है. बीजेपी ने तो श्रीधरन को मुख्यमंत्री फेस के रूप में भी पेश किया है. लेकिन उनके सामने मौजूदा विधायक 38 साल के शफी परमबिल काफी लोकप्रिय और फायरब्रांड नेता माने जाते हैं और सीपीएम के सीपी प्रमोद भी मजबूत कैंडिडेट हैं. इसलिए श्रीधरन के लिए लड़ाई आसान नहीं है. 

Advertisement
पलक्कड़ से श्रीधरन हैं बीजेपी उम्मीदवार

नेमोम 

पिछले यानी 2016 के विधानसभा चुनाव में नेमोम सीट राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी, जब भारतीय जनता पार्टी को यहां पहली बार जीत हासिल हुई. उसके स्टार कैंडिडेट और पूर्व केंद्रीय मंत्री ओ. राजगोपाल ने माकपा नेता वी सिवनकुट्टी और यूडीएफ कैंडिडेट पूर्व मंत्री वी सुरेंद्रन पिल्लई को हराकर सबको चौंका दिया था. यह केरल विधानसभा में बीजेपी की पहली जीत थी.इस बार यह सीट जीतना बीजेपी, कांग्रेस और वाम दलों तीनों के लिए प्रतिष्ठा की बात है. कांग्रेस ने इस बार यहां से पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण के बेटे और सांसद के. मुरलीधरन को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने इस सीट को अपने पाले में बनाए रखने के लिए मेघालय के पूर्व गर्वनर के. राजशेखरन को कैंडिडेट बनाया है. 

पाला 

यहां से राज्य के दिग्गज नेता के.एम. मण‍ि 1967 से 2019 तक लगातार विधायक रहे. साल 2019 में उनका निधन हो गया. उनके निधन के बाद हुए उप-चुनाव में एलडीएफ ने यह सीट केरल कांग्रेस (M) से छीन ली.  इस बार एम.सी कप्पन यहां से यूडीएफ के कैंडिडेट हैं, जबकि एलडीएफ की तरफ से केरल कांग्रेस (M) के अध्यक्ष जोस के मण‍ि उम्मीदवार हैं. पिछली बार मामला पूरी तरह से उलटा था. तब मण‍ि यूडीएफ की तरफ से उम्मीदवार थे और कप्पन एलडीएफ के. यह सीट केरल कांग्रेस के विभ‍िन्न धड़ों की तकदीर तय करेगा, इसलिए सीट महत्वपूर्ण है. उपचुनाव में एलडीएफ के कैंडिडेट ने जोस के मण‍ि को हरा दिया. लेकिन पिछले साल जब मण‍ि एलडीएफ में शामिल हो गए तो कप्पन बागी हो गए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ से इस बार कैंडिडेट हैं. 

Advertisement

कोन्नि 

यह सबरीमाला आंदोलन के प्रमुख केंद्रों में से है. इस पहाड़ी इलाके से बीजेपी को काफी उम्मीद है, इसलिए उसने यहां से राज्य बीजेपी के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को उम्मीदवार बनाया है. उनको चुनौती मिल रही है मौजूदा विधायक और एलडीएफ कैंडिडेट केयू जेनिश  तथा यूडीएफ कैंडिडेट  रॉबिन पीटर से. यह सीट इस बार बीजेपी के लिए काफी प्रतिष्ठा की हो गई है, क्योंकि यह सबरीमाला आंदोलन का केंद्र रहा है. 

इरिनजलकुडा 
 
केरल के त्रिसूर जिले में आने वाली इस सीट से बीजेपी ने राज्य के पूर्व जीडीपी जैकब थॉमस को अपने कैंडि‍डेट के रूप में उतारा है, जिससे यह सीट दिलचस्प हो गई है. सत्ता के खिलाफ बागी तेवर दिखाने वाले और भ्रष्टाचार के ख‍िलाफ लड़ाई लड़ने वाले ईमानदार आईपीएस अध‍िकारी जैकब राज्य में काफी लोकप्रिय हैं. वे भ्रष्ट अध‍िकारियों और नेताओं के ख‍िलाफ कार्रवाई के लिए प्रख्यात रहे हैं. यह कभी केरल के पूर्व सीएम सी. अच्युतानंदन की सीट रही है. उनके सामने केरल कांग्रेस (J) (जो यूडीएफ का हिस्सा है)  से थॉमस उन्निनयडन और माकपा यानी एलडीएफ से आर बिंदु मैदान में हैं. 

कझाकुट्टम 

बीजेपी की राज्य उपाध्यक्ष शोभा सुरेंद्रन को अंतिम समय में यहां से उम्मीदवार घोष‍ित करने से तिरुअनंतपुरम जिले की यह सीट चर्चा में आ गई. शोभा सुरेंद्रन को फायरब्रांड नेता के रूप में जाना जाता है. वह अपने बयानों से चर्चा में रहती हैं. कांग्रेस ने यहां से प्रसिद्ध चिकित्सक  डॉ. एस. एस लाल को यूडीएफ की तरफ से उम्मीदवार बनाया है. यह बीजेपी के लिए राज्य की कुछ महत्वपूर्ण सीटों में से है, क्योंकि साल 2016 के चुनाव में यहां से पार्टी दूसरे स्थान पर थी. तब इस सीट से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सदस्य वी. मुरलीधरन कैंडिडेट थे. वह माकपा के जीते उम्मीदवार से के. सुरेंद्रन से सिर्फ 8,000 वोट पीछे थे. एलडीएफ ने एक बार फिर यहां से कडकमपल्ली सुरेंद्रम (देवस्थान मंत्री)  को उम्मीदवार बनाया है. इसलिए मुकाबला काफी कड़ा रहने के अनुमान हैं. 

Advertisement

 

 

Advertisement
Advertisement