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केरल के लोग पढ़े-लिखे, इसलिए BJP को नहीं मिल रहे वोट, भाजपा के सीनियर नेता का बयान

नेमोम विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक ओ राजगोपाल से पूछा गया कि आखिर केरल में बीजेपी अपनी राजनीतिक जमीन क्यों नहीं तैयार कर पा रही है, जबकि पार्टी हरियाणा और त्रिपुरा में धमाकेदार तरीके से सत्ता में आई और पश्चिम बंगाल में एक मुख्य राजनीतिक दल के तौर पर उभरी है?

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केरल बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओ राजगोपाल (फाइल फोटो)
केरल बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओ राजगोपाल (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'केरल के लोग सोचते हैं, तर्क करते हैं'
  • 'पढ़े लिखे लोगों की यही आदत होती है'
  • 'केरल में 6 अप्रैल को है विधानसभा चुनाव'

केरल विधानसभा के बीच राज्य के बड़े बीजेपी नेता ने कुछ ऐसा कहा है जो पार्टी के लिए किरकिरी की वजह बन सकता है. केरल बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्टी के एकमात्र विधायक ओ राजगोपाल ने कहा है कि केरल में बीजेपी के नहीं बढ़ने की वजह राज्य की अत्यधिक साक्षरता दर है. ओ राजगोपाल ने कहा है कि यहां के लोग पढ़े-लिखे हैं और वोट देने से पहले सोचते हैं, तर्क करते हैं. 

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बता दें कि 140 सदस्यों वाली केरल विधानसभा के लिए 6 अप्रैल को एक बार में वोट डाले जाएंगे. नतीजे 2 मई को आएंगे. राज्य में इस वक्त धुआंधार प्रचार अभियान चल रहा है. राज्य में इस वक्त लेफ्ट पार्टियों के नेतृत्व वाली LDF सत्ता में है. जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली UDF मु्ख्य विपक्षी गठबंधन है. इन दो ब्लॉक के बीच बीजेपी अपनी जमीन तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. हालांकि ओ राजगोपाल के इस बयान से बीजेपी को सवालों का सामना करना पड़ सकता है

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में सीनियर बीजेपी नेता ओ राजगोपाल ने केरल में बीजेपी को लेकर स्थिति स्पष्ट की. नेमोम विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक ओ राजगोपाल से पूछा गया कि आखिर केरल में बीजेपी अपनी राजनीतिक जमीन क्यों नहीं तैयार कर पा रही है, जबकि पार्टी हरियाणा और त्रिपुरा में धमाकेदार तरीके से सत्ता में आई और पश्चिम बंगाल में एक मुख्य राजनीतिक दल के तौर पर उभरी है?

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इसके जवाब में ओ राजगोपाल ने कहा, "केरल एक अलग तरह का राज्य है, यहां दो तीन कारण हैं जो इसे दूसरे जगहों से अलग करते हैं, केरल में साक्षरता प्रतिशत 90 प्रतिशत है, ये लोग सोचते हैं, तर्क करते हैं...पढ़े लिखे लोगों की यही आदत होती है. यह एक मुद्दा है. "

केरल में बीजेपी के पिछड़ने की दूसरी वजह गिनाते हुए ओ राजगोपाल ने कहा कि दूसरी विशेषता यह है कि राज्य में 55 प्रतिशत हिन्दू और 45 प्रतिशत अल्पसंख्यक हैं, इसलिए यहां हर सियासी गुणा-गणित में ये पक्ष सामने आते हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए केरल की तुलना दूसरे राज्यों से नहीं की जा सकती है. यहां के हालात अलग हैं, लेकिन हमलोग धीरे धीरे ही सही निरंतर राज्य में आगे बढ़ रहे हैं. 

 

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