आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के साथ देश के कई राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं. इनमें ओडिशा, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश तो पहले से ही निर्धारित हैं. इसके अलावा हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं, जबकि साल के आखिरी में इन तीन राज्यों के सरकार का कार्यकाल पूरा होगा. हालांकि कांग्रेस ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस नेतृत्व और प्रदेश कांग्रेस कमेटियां लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने बनाने में जुटी है. महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में अगर समय से पहले विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाती है, तो उसके लिए भी योजना पर काम कर रही है.
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को ही कहा था कि लोकसभा चुनावों के साथ विधानसभा चुनाव होते हैं तो हम इसके लिए तैयार हैं. हुड्डा का मानना है कि हाल ही में तीन राज्यों में मिली से जीत से कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना है. ऐसे में अगर लोकसभा के साथ इन तीन राज्यों में चुनाव होते हैं तो इसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा.
झारखंड में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए 17 जनवरी को जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी. महागठबंधन में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव की सीट शेयरिंग को लेकर पिछले दिनों मंथन हुआ है. माना जा रहा है कि 31 जनवरी को महागठबंधन में लोकसभा और विधानसभा सीट बंटवारे का ऐलान किया जा सकता है.
कांग्रेस जहां तैयारियों में जुटी है. वहीं, बीजेपी और केंद्र सरकार ने अभी इस मामले में अपने पत्ते नहीं खोल रही है. हालांकि बीजेपी के लिए तीनों राज्यों में मौजूदा मुख्यमंत्रियों के सहारे चुनावी जंग जीतना आसान नहीं है. ऐसे में माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी के चेहरे के सहारे बीजेपी इन तीनों राज्यों में उतरने की रणनीति की तरफ कदम बढ़ा सकती है.
बता दें 2014 में लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस के हाथ से महाराष्ट्र और हरियाणा की सत्ता निकल गई थी. इतना ही नहीं झारखंड में भी कांग्रेस और जेएमएम को सत्ता गवांनी पड़ी थी. ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद अगर इन राज्यों में चुनाव हुए तो उसके नतीजे पर असर पड़ सकता है.