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अल्पसंख्यक वोटर पर नजर: BJP के बाद कांग्रेस ने भी दिल्ली में बुलाया मुस्लिम सम्मलेन

लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां अल्पसंख्यकों को साधने में जुट गई हैं. बीजेपी के दिवसीय राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सम्मेलन के बाद अब कांग्रेस भी अल्पसंख्यक अधिवेशन करने का फैसला किया है. दिल्ली के श्री फोर्ट ऑडिटोरियम में होने वाले कांग्रेस के इस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता शिरकत कर सकते हैं.

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बीजेपी की रैली में मुस्लिम समुदाय (फोटो-फाइल)
बीजेपी की रैली में मुस्लिम समुदाय (फोटो-फाइल)

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लोकसभा चुनाव 2019 की आहट के साथ ही मुस्लिम मतों को साधने की रणनीति पर राजनीतिक दल जुट गए हैं. इस कड़ी में बीजेपी के दो दिवसीय राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सम्मेलन के बाद अब कांग्रेस भी अल्पसंख्यक अधिवेशन करने का फैसला किया है. दिल्ली के श्री फोर्ट ऑडिटोरियम में होने वाले कांग्रेस के इस कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता शिरकत कर सकते हैं.

मुस्लिम वोटर और लोकसभा सीटें

देश में मुसलमानों की आबादी 14.23 फीसदी है. इसमें 218 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां करीब 10 फीसदी से अधिक और इसमें 70 सीटें ऐसी हैं जिन पर 20 फीसदी से अधिक मुस्लिम वोट हैं. केरल, पश्चिम बंगाल, असम, उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मुस्लिम मतदाता डबल डिजिट में हैं.

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बता दें कि इन राज्यों में बड़ी संख्या में ऐसी सीटें हैं जहां मुसलमान अच्छी-खासी तादाद में हैं. इन्हीं राज्यों में मुस्लिम वोटरों की पहली पंसद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राट्रीय जनता दल, जनता दल (यू), टीएमसी, टीआरएस जैसे राजनीतिक दल है.

बीजेपी का अल्पसंख्यक सम्मलेन

2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी अल्पसंख्यकों को साधने की कोशिश में है. इस कड़ी में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने पिछले हफ्ते गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली में दो दिवसीय राष्ट्रीय अल्पसंख्यक सम्मेलन किया. इसके जरिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ये संदेश देने की कोशिश की पिछली सरकारों ने अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम समुदाय को डराने का काम किया है. जबकि मोदी सरकार ने सबका साथ-सबका विकास के मूलमंत्र पर काम कर रही है. मोदी सरकार में अल्पसंख्यक समाज पूरी तरह महफूज है.

कांग्रेस का मुस्लिम अधिवेशन

वहीं, कांग्रेस भी मुस्लिम को अपने पाले में लाने की कवायद कर रही है. इस कड़ी में कांग्रेस अल्पसंख्यक कमेटी 7 फरवरी को दिल्ली में अल्पसंख्यक अधिवेशन करने जा रहा है. माना जा रहा है कि इस अधिवेशन में दिल्ली और दूसरे राज्यों के कुल 4000 से ज्यादा लोगों के शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस एक लंबे समय के बाद अल्पसंख्यक अधिवेशन का फैसला किया है. इसके लिए कांग्रेस के मुस्लिम नेता इस कामयाब बनाने के लिए दिन रात जुटे हुए हैं.

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मुस्लिम प्रतिनिधित्व

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलों से 22 मुस्लिम सांसद जीते थे. भारतीय राजनीति के इतिहास में  मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व सबसे कम था. इससे पहले 1957 में 23 मुस्लिम सासंद चुनकर आए थे. हालांकि यूपी के कैराना उपचुनाव में जीतने के बाद सासंद में 23 मुस्लिम सांसद हुए थे, लेकिन इसी बीच बिहार के किसनगंज से जीतकर आने वाले मौलाना असरारुल हक कासमी का निधन हो गया और ये आंकड़ा फिर वही का वही रह गया. वहीं, सबसे ज्यादा मुस्लिम सांसद 1990 में 49 सांसद जीतने में सफल रहे थे. ऐसे में अब देखना होगा कि 2019 में मुस्लिमों सांसदों की संख्या बढ़ती है या फिर 2014 के चुनाव से कम होगी.

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