उपचुनाव में हार को बीजेपी की हार के रूप में नहीं देखा जा सकता. यूपी में उप चुननाव हम इसलिए हारे कि उसमें न तो प्रचार करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गए थे और न ही बीजेपी प्रमुख अमित शाह. यूपी में बीजेपी 74 सीटें जीतेगी. ये दावे किए आजतक की सुरक्षा सभा में पहुंचे केंद्रीय रेलवे और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने. नया भारत नए तेवर सत्र में उनसे सवाल पूछे टीवीटीएन की एग्जिक्यूटिव एडिटर अंजना ओ कश्यप ने.
पीयूष गोयल ने यूपी के उपचुनावों की हार के बारे बोलते हुए कहा कि इसके पीछे के कारणों को जानना जरूरी है. कैराना की बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह ऐसी सीट रही है जिस पर कभी भी जनसंघ या बीजेपी ने जीत दर्ज नहीं की थी लेकिन 2014 के चुनाव में हुकुम सिंह ने यहां से जीत हासिल की. उनकी असमय मृत्यु के बाद वहां पर उपचुनाव हुए लेकिन इसकी खासियत यह रही कि यहां पर सारी पार्टियां बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं. दूसरी सबसे बड़ी बात कि इस उपचुनाव में प्रचार करने के लिए न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गए थे और न ही पार्टी अध्यक्ष अमित शाह गए थे.
उन्होंने इशारों-इशारों में अमित शाह के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें तो तमाम तरह के नामों से जाना जाता है. हालांकि उन्होंने कोई नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा इस तरफ था कि अमित शाह ने हारना नहीं सीखा. पीयूष गोयल ने कहा कि हम काम करने वाले लोग हैं उप चुनाव को पार्टी बहुत प्रमुखता नहीं दे पाई. इसके बावजूद कैराना में बीजेपी को 46 फीसदी वोट मिले. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि अगर पार्टी ने थोड़ा जोर लगाया होता तो हमें 51 फीसदी वोट मिलते और वहां से बीजेपी का सांसद चुना जाता. उनका कहना था कि इसी तरह गोरखपुर के बारे में भी कहा जा सकता है.
पीयूष गोयल ने कहा कि आज पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है. जब आतंकी हमला हुआ तो भारत को सोचना नहीं पड़ा. गोयल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की उस बात को भी याद दिलाया जो उन्होंने आजतक सुरक्षा सभा में ही कही थी. जेटली ने कहा था कि पुलवामा के बाद बदले की भावना से बालाकोट पर हमला नहीं किया गया. हमें इसे जड़ से खत्म करना है. उन्होंने कहा कि आतंक से पूरा विश्व परेशान है. आज बहुत महत्वपूर्ण दिन है 12 मार्च 1993 को मुंबई में बम विस्फोट हुए थे जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे और हजारों लोगों को नुकसान हुआ था. लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया था. इसके बाद 2008 में मुंबई पर हमला हुआ लेकिन फिर भी यूपीए सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही.
गोयल ने कहा कि बालाकोट की एयर स्ट्राइक को चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए. उरी की सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी उस समय तो कोई चुनाव नहीं था. गोयल ने दावा किया अब पूरे विश्व को समझ में आ रहा है कि आतंकी घटनाओं को भारत बर्दाश्त करने वाला नहीं है.