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अबकी बार त्रिशंकु सरकार, मोदी सरकार को नहीं मिलेगा 2019 में बहुमत: सर्वे

Survey towards Lok sabha Elections 2019 आगामी लोकसभा चुनावों में देश की जनता का मिजाज जानने आजतक और कार्वी इनसाइट्स ने सर्वे किया. इस सर्वे के नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे.

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अबकी बार त्रिशंकु सरकार!
अबकी बार त्रिशंकु सरकार!

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लोकसभा चुनाव का बिगुल अब किसी भी हफ्ते में बज सकता है. राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. सियासत के नए समीकरण बन रहे हैं और तमाम छोटे दल एक दूसरे से गठबंधन कर अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे हैं. हर तरफ यही सवाल है कि 2019 में किसकी बनेगी सरकार और किसकी होगी हार. सियासत के इसी शोर के बीच आजतक ने कार्वी इनसाइट्स के साथ अपने सर्वे में देश का मिजाज जाना और इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की कि क्या 2019 में भी 2014 जैसे परिणाम दोहराए जाएंगे या इस बार केंद्र में कोई नई सरकार देखने को मिलेगी.  

सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 2014 के मुकाबले 2019 में वोटों के मामले में बहुत अंतर आया है. 2014 में एनडीए को 38 फीसदी वोट मिले थे जबकि यूपीए के हिस्से में महज 23 फीसदी वोट आए थे. अन्य दलों के हिस्से में तब 39 फीसदी वोट गए थे. हम जानते हैं कि इस वोट प्रतिशत ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एऩडीए को केंद्र में भारी बहुमत दिलाया था और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे. उसके बाद हर छह महीने बाद आजतक के सर्वे देश का मिजाज में ये वोट प्रतिशत बदलता रहा. इस महीने के लिए हुए सर्वे में एनडीए को 35 फीसदी तो यूपीए को 33 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. अन्य दलों के हिस्से में बाकी के 32 फीसदी वोट जा रहे हैं.

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इस वोट शेयर को जब सीटों में तब्दील करते हैं तो अगले पांच साल के लिए लोकसभा की तस्वीर साफ हो जाती है. तस्वीर ये कि 16वीं लोकसभा त्रिशंकु होगी जिसमें किसी भी दल या गठबंधन को अपने दम पर बहुमत नहीं मिलने जा रहा है. सबसे ज्यादा नुकसान बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को हो रहा है और उसकी सीटें 99 घटकर 237 तक सिमट सकती हैं. यूपीए जबर्दस्त वापसी करता दिख रहा है लेकिन सत्ता से काफी दूर रहने वाला है. उसकी सीटों में 106 का इजाफा हो रहा है और उसे 166 सीटें मिलने का अऩुमान है. वहीं अन्य दलों को भी नुकसान हो रहा है. वो 140 सीटें जीत सकते हैं जबकि पिछली बार उऩका ये आंकड़ा 153 था.

सर्वे के नतीजों से साफ है कि 2014 के मुकाबले 2019 में एनडीए को तीन फीसदी वोटों का नुकसान होने का अनुमान है जबकि यूपीए के खाते में पूरे 10 फीसदी अतिरिक्त वोट जा रहे हैं और वो 2014 के 23 फीसदी के मुकाबले 2019 में 33 फीसदी वोट हासिल कर सकता है.

अन्य दलों को 2014 के मुकाबले भारी नुकसान हो रहा है. 2014 में उनके कुल वोट 39 फीसदी थे लेकिन इस बार यानी 2019 में उन्हें महज 32 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है.

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इस सर्वे में एनडीए में जो राजनीतक दल शामिल किए गए हैं उनमें भारतीय जनता पार्टी, ऑल इंडिया एन रंगास्वामी कांग्रेस, अपना दल, बोडो पीपुल्स फ्रंट, डीएमडीए, जनता दल यूनाइटेड, असम गण परिषद, नागा पीपुल्स फ्रंट, पीएमके, नेशनल पीपुल्स पार्टी, आरपीआई(ए), शिरोमणि अकाली दल, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट व शिवसेना है. जबकि, यूपीए में कांग्रेस के अलावा डीएमके, जेडीएस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, जेएमएम, केरल कांग्रेस (मणि), आईयूएमएल, एनसीपी, आरजेडी, राष्ट्रीय लोकदल, तेलुगुदेशम पार्टी को शामिल किया गया है.

 अन्य दलों में जो पार्टियां शामिल हैं उनके नाम हैं आम आदमी पार्टी, असम गण परिषद, अन्नाद्रमुक, फॉरवर्ड ब्लॉक, तृणमूल कांग्रेस, एआईयूडीएफ, बीजू जनता दल, सीपीआई, सीपीआई-एम, इंडियन नेशनल लोकदल, पीडीपी, केरल कांग्रेस(जोसेफ), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, एनएलपी,आरएसपी, टीआरएस, वायएसआर कांग्रेस, इंडिपेंडेंट्स और एसपी-बीएसपी-आरएलडी गठबंधन.

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