पाकिस्तान में घुसकर कर आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के द्वारा की गई एयर स्ट्राइक को लेकर लोकसभा चुनाव की बिसात बिछाई जा रही है. आजतक के विशेष मंच 'सुरक्षा सभा' में शिरकत करते हुए केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने राजनीतिक दलों के प्रचार में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के इस्तेमाल को गलत मानते हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव में सैनिकों की तस्वीर का इस्तेमाल गलत है नहीं होना चाहिए. मैं इससे सहमत नहीं हूं और ऐसा करने वालों की आलोचना होनी चाहिए.
केंद्रीय अरुण जेटली ने कहा कि चुनाव में सैनिकों के सहारे नहीं लड़ा जाना चाहिए. राजनीतिक मंचों पर सैनिकों की तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए. इसलिए चुनाव आयोग ने जो निर्णय लिया है वो सही है. लेकिन जब विपक्ष की और से ये कहा जाता है कि राजनीतिक फायदे के लिए एयर स्ट्राइक की गई तो यह भी गलत है.
पाकिस्तान के बालाकोट किए गए एयर स्ट्राइक के सवाल पर जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब सूचना मिली की बालाकोट में आतंकियों की ट्रेनिंग चल रही है. जैश भारत के खिलाफ हमले के लिए आतंकियों को तैयार कर रहा है तो तो क्या वो चुनाव देखते हुए रुक जाते?
एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने वालों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सेना ने बोला कि हमारा टारगेट सही था. दुनिया का ऐसा कौन सा देश है जो गोपनीय जानकारी साझा करता है? जिनको वॉर ऑपरेशन की जानकारी नहीं है वो टेलीविजन डीबेट चलाएं ये ठीक नहीं है. लेकिन राजनीति में कुछ लोग हल्कापन लाने की कोशिश कर रहे हैं.
रक्षा बजट को बढ़ाए जाने के सवाल पर अरुण जेटली ने कहा कि जब 4 फीसदी होता था तब पूरा बजट 40000 करोड़ होता था. लेकिन आज इसमें सैलरी है, OROP और अन्य खर्चे भी शामिल हैं. आज की तारीख में हथियार खरीद पर अरुण जेटली ने कहा कि इस बार एयरफोर्स ने पाकिस्तान की सीमा में खैबर पख्तूनख्वा में जाकर सटीक प्रहार किया. इस हमले से हमने वो अवधारणा तोड़ दी जिसमें कहा जाता था कि भारत नियंत्रण रेखा की पवित्रता बरकरार रखेगा, क्योंकि हमारी कार्रवाई के बाद दुनिया के किसी भी राष्ट्र ने हमारी आलोचना नहीं की. वजह ये थी कि हमने एहतियातन हमले किए जिसमें निर्दोष लोगों या पाकिस्तान की सेना को निशाना नहीं बनाया. हमने सिर्फ वहां के आतंकी कैंपों को निशाना बनाया गया.