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राफेल डीलः 30 फीसदी ने कहा-भ्रष्टाचार हुआ, 32 फीसदी बोले नहीं

राफेल डील का एक मुद्दा बड़ा है, इसलिए 'आजतक' ने कार्वी इनसाइट्स के साथ मिलकर इसपर देश का मिजाज जानने की कोशिश की. इसी महीने इस मुद्दे को लेकर एक सर्वे किया गया. सर्वे में जनता से पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ है?

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लोकसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ा सर्वे
लोकसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ा सर्वे

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राफेल डील को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. विपक्ष का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर आनन-फानन में कानून बदलकर राफेल डील का कॉन्ट्रैक्ट अनिल अंबानी की कंपनी को दे दिया गया और इस डील में करोड़ों का घोटाला हुआ है. जबकि सरकार सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर रही है.

दरअसल अगले कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने की भरपूर कोशिश करेगी. जबकि सरकार का कहना है कि राफेल डील में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. कानून के दायरे में रहकर अनिल अंबानी की कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. यह मसला पिछले दिनों शीतकालीन सत्र के दौरान में संसद में भी जोर-शोर से उठाया गया था.

राफेल डील का एक मुद्दा बड़ा है, इसलिए 'आजतक' ने कार्वी इनसाइट्स के साथ मिलकर इसपर देश का मिजाज जानने की कोशिश की. इसी महीने इस मुद्दे को लेकर एक सर्वे किया गया. सर्वे में जनता से पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ है? सर्वे में 30 फीसदी लोगों ने कहा कि राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ है. जबकि 32 फीसदी लोगों ने माना कि इस सौदे में कोई धांधली नहीं हुई है. वहीं 23 फीसदी लोगों ने कहा कि उसे राफेल डील को लेकर कोई जानकारी नहीं है. बाकी बचे 15 फीसदी लोगों ने राफेल डील पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.

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इसके बाद देश के चारों अलग-अलग हिस्सों में राफेल डील को लेकर सवाल पूछे गए. सवाल वही था कि क्या आप मानते हैं कि राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ है? उत्तर भारत में 27 फीसदी, पूर्वी भारत में 26 फीसदी, दक्षिण भारत में 40 फीसदी और पश्चिमी भारत में 29 फीसदी लोगों ने माना कि राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ है.

जबकि महिला-पुरुषों में यही सवाल अगल-अलग पूछे गए. सर्वे में 28 फीसदी महिलाओं ने कहा कि राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ है, जबकि 32 पुरुषों ने माना कि इस डील में धांधली हुई है. जिसके बाद इस सर्वे से एक तस्वीर साफ हो गई कि केवल 30 फीसदी देश की जनता मानती है कि राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ है.

इस सर्वे में जनता से यह भी पूछा गया कि राफेल का कॉन्ट्रैक्ट रिलायंस को दिलाने में पीएम मोदी की भूमिका थी? 35 फीसदी लोगों ने माना कि पीएम मोदी की मदद से रिलायंस को राफेल का कॉन्ट्रैक्ट मिला. जबकि 34 फीसदी लोगों ने इस तरह के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. करीब एक-तिहाई, यानी 31 फीसदी लोगों ने जवाब देने से मना कर दिया या फिर कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.  

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इसी सवाल को देश के चारों हिस्सों में अलग-अलग पूछने पर आंकड़ों में काफी अंतर दिखा. दक्षिण भारत के 46 फीसदी लोग मानते हैं कि पीएम मोदी की हस्तक्षेप से रिलायंस को कॉन्ट्रैक्ट मिला. जबकि उत्तर भारत में 32 फीसदी, पूर्वी भारत में 27 फीसदी और पश्चिमी भारत में 36 फीसदी लोगों ने कहा कि रिलायंस को ठेका दिलाने में पीएम मोदी की भूमिका थी. लिंगानुपात में इसी सवाल पर 37 फीसदी पुरुषों ने और 32 फीसदी महिलाओं ने माना पीएम मोदी की भूमिका थी. 

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