बीजेपी ने लोकसभा की 7 सीटें काफी अंतर से जीतने के बाद दिल्ली विधानसभा की 67 सीटों के लिए तैयारी शुरू कर दी है. आम चुनाव में मिले संकेत से बीजेपी हमलावर हो गई है. वहीं हालिया नतीजों के बाद दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में आज भी केजरीवाल का कोई विकल्प नहीं है.
जबकि विपक्षी नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि ऐसा कहकर दिल्ली की जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है. उनका यह कहना अत्यंत भ्रामक है. गुप्ता ने कहा, "यह कहकर वह शेखचिल्ली वाली बातें कर रहे हैं कि दिल्ली में अभी भी लोग विधानसभा चुनावों में केजरीवाल को ही लाने की बात कर रहे हैं. आप ने अपने लगभग साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में दिल्ली के विकास को कई वर्ष पीछे धकेल दिया है." नेता विपक्ष ने कहा कि भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं. केजरीवाल सरकार की असफलताओं और कुशासन का पर्दाफाश करने के लिए कमर कस ली है. भाजपा अब केजरीवाल को दिल्ली की जनता को और अधिक भ्रमित नहीं करने देगी.
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की जनता ने सातों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को 52 से 60 प्रतिशत वोट देकर यह जनादेश दे दिया है. भाजपा की लोकप्रियता और स्वीकार्यता कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों को मिलाकर कहीं ज्यादा है. स्पष्ट है कि यदि दोनों पार्टियां गठबंधन करके भी चुनाव लड़तीं तब भी अपनी पराजय को नहीं नकार सकती कि यह लड़ाई मोदी और राहुल के बीच थी. “आप“ ने 6 महीने से प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में अपना वाररूम स्थापित किया, कॉल सेंटरों द्वारा तथा पानी की तरह पैसा बहाकर मोदी जी और भाजपा के विरूद्ध हर तरह से जहर उगलने और जनता को भ्रमित करने का विशेष अभियान चला रखा था.
मनोज तिवारी ने भी बोला हमला
इसके अलावा दिल्ली में प्रचंड जीत के बाद दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी बहुत उत्साहित दिखे. उन्होंने कहा, एक सांसद के रूप में मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने के उद्देश्य से भले ही उनकी जीत हुई हो लेकिन दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ी है क्योंकि करीब 19 साल से सत्ता से दूर बीजेपी को दिल्ली में जीत दिलानी है.
उन्होंने साफ़ कहा कि अब उनका अगला टारगेट दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार है जिसने कहा तो बहुत कुछ लेकिन दिल्ली को दिल्ली नहीं बना सके. तिवारी ने कहा कि वो दिल्ली को पेरिस या शंघाई नहीं बल्कि ऐसी दिल्ली बनाना चाहते है जहां लोग बिना प्रदूषण के जी सके, एक साफ़ सुथरी दिल्ली बनाना और लोगों के जीवन में परिवर्तन लाना है.
उन्होंने कहा कि भले ही वो एक सांसद के रूप में जीते हों लेकिन दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के रूप में अब उनकी जिम्मेदारी काफी बढ़ चुकी है और अब 6 महीने बाद ही दिल्ली में होने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसमें केजरीवाल सरकार को सत्ता से बेदखल कर बीजेपी को दिल्ली में सूखे से बाहर निकालना है और उन्हें उम्मीद है जिस तरह से उन्होंने चुनाव जीता है अब आम आदमी पार्टी की सरकार का दिल्ली की सत्ता से बाहर निकालना उनका अगला टारगेट है.
बता दें कि मनोज तिवारी ने दिल्ली की सत्ता में 15 साल तक काबिज रही और वर्तमान में दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित को करारी शिकस्त दी है. उन्होंने शीला दीक्षित को 3 लाख 65 हजार मतों से मात दी यानी सिर्फ उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मनोज तिवारी को 56 प्रतिशत वोट शेयर हासिल हुए.