लोकसभा चुनाव 2019 के लिए समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पूरी ताकत लगा दी है. अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज से एसपी कैंडिडेट डिंपल यादव लगातार चुनाव प्रचार में उनके साथ हैं. इसी चुनावी व्यस्तता के बीच आजतक ने अखिलेश और डिंपल से बात की. आजतक की विशेष चुनावी बस में सवार अखिलेश और डिंपल ने चुनाव को लेकर खुलकर बात की. बातचीत के लिए अखिलेश और डिंपल जब इस बस में सवार हो रहे थे तो समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने दोनों नेताओं के लिए जोरदार नारेबाजी की. समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने नारा लगाया, "ये जवानी है कुर्बान, अखिलेश भैया तेरे नाम."
इस रोचक नारे पर जब आजतक ने डिंपल यादव से सवाल पूछा कि क्या अखिलेश महिलाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं. इस पर डिंपल ने कहा कि उन्होंने महिलाओं के मुंह से तो ऐसा नारा नहीं सुना है, लेकिन युवा ऐसा नारा जरूर लगाते हैं. बाद में अखिलेश ने कहा कि ये नारा युवाओं ने खुद तैयार किया है. इंटरव्यू के दौरान अखिलेश यादव ने आजतक के चुनावी बस से पूरे शहर का दौरा किया और अपनी सरकार में हुए कामों को गिनाया.
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बात जब सियासत पर शुरू हुई तो अखिलेश से पूछा गया कि मायावती नहीं चाहती थीं कि अमेठी और रायबरेली की सीट आपलोग कांग्रेस के लिए छोड़ें क्या आपके कहने की वजह से ऐसा हुआ? इसके जवाब में अखिलेश ने कहा कि ऐसा नहीं है, मायावती जी और हमलोगों ने मिलकर गठबंधन के समय यह फैसला लिया था कि उनके लिए 2 सीटें छोड़ी जानी चाहिए. हम ये फैसला बाद में भी ले सकते थे.
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अखिलेश यादव से जब पूछा गया कि जब 2017 में उन्होंने हार का सामना किया था, उसी वक्त वह निजी जिंदगी में पारिवारिक संघर्ष का भी सामना कर रहे थे. इन तमाम दबावों का सामना उन्होंने कैसे किया? अखिलेश ने इस सवाल के जवाब में कहा कि जो हुआ बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण था. लेकिन आप एक बड़ा लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. आपके साथ केवल 1 या 2 व्यक्ति नहीं, पूरी पार्टी, पूरा संगठन था. जिस समय वो बातें हुईं, उस समय हमने 5 साल में जो डिलीवर करना था, उसे हमने पूरा किया.
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