केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक युवा महिला चेहरा हैं. अनुप्रिया पटेल अपने पिता सोनलाल की पार्टी अपना दल (एस) का प्रतिनिधित्व करती हैं. अपना दल पार्टी दो धड़ों में बंटी है, अपना दल (एस) जो अनुप्रिया पटेल के नाम से जानी जाती है और अपना दल (कृष्णा पटेल गुट) जिसका प्रतिनिधित्व उनकी मां करती हैं.
अपनी मां कृष्णा पटेल से पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई लड़ रही अनुप्रिया पटेल का जन्म 28 अप्रैल 1981 को कानपुर में हुआ था. अनुप्रिया पटेल ने लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन यूनिवर्सिटी और कानपुर यूनिवर्सिटी से एजुकेशन हासिल की. सड़क हादसे में हुए पिता के निधन के बाद 2009 में अनुप्रिया पटेल को अपना दल का महासचिव बनाया गया. उनकी मां कृष्णा पटेल दल की अध्यक्ष बनीं.
अनुप्रिया पटेल अपना दल पार्टी को मजबूत बनाने के लिए लगन और मेहनत से आगे बढ़ती रहीं. लोगों ने उन्हें सियासी मैदान में उतरने के लिए प्रोत्साहित किया और 2012 में अनुप्रिया अपना दल की ओर से वाराणसी की रोहनिया सीट से विधानसभा चुनाव मैदान में उतरीं और जीत भी हासिल की. 2014 में रोहनिया विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में टिकट को लेकर अनुप्रिया का अपनी मां कृष्णा पटेल से विवाद शुरू हुआ. जिसके बाद कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया पटेल और उनके समर्थकों को पार्टी से बेदखल कर दिया.
अनुप्रिया पटेल ने अपना दल (एस) को मजबूत बनाने के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन किया और 2014 में मिर्जापुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर गईं. 2014 में मिर्जापुर से जीत हासिल करके अनुप्रिया पटेल पहली बार सांसद बनीं.
वहीं 2019 लोकसभा चुनाव के लिए एक बार फिर उत्तर प्रदेश में बीजेपी और अनुप्रिया की अगुवाई वाली अपना दल (एस) का गठबंधन हो गया है तो वहीं उनकी मां की अगुवाई वाली अपना दल (कृष्णा पटेल) के साथ कांग्रेस का हाथ है. अनुप्रिया पटेल इस बार फिर मिर्जापुर सीट से चुनाव मैदान में हैं.
बता दें कि नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल की नेतृत्व वाली अपना दल (एस) बीजेपी से गठबंधन के बाद यूपी की सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से सांसद हैं और 2019 लोकसभा चुनाव में भी अनुप्रिया मिर्जापुर से ही मैदान में हैं. जबकि अपना दल (कृष्णा पटेल) गोंडा और पीलीभीत इन दो सीटों से चुनावी मैदान में हैं.