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हर चुनौती का डटकर सामना करती हैं अनुप्रिया पटेल, इस बार भी मिलेगी जीत?

अनुप्रिया पटेल ने 2012 के विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया. रोहानिया से अनुप्रिया पटेल ने चुनाव में जीत हासिल की और पहली बार विधायक बनीं.

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अनुप्रिया पटेल
अनुप्रिया पटेल

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मिर्जापुर से अपना दल उम्मीदवार अनुप्रिया पटेल मैदान में हैं. अनुप्रिया पटेल अपना दल की अध्यक्ष भी हैं और अपने तीखे भाषणों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. राजनीति में शायद उन्हें बहुत लंबा समय न हुआ हो, लेकिन हर बार उन्होंने खुद को साबित किया है. 2019 का आम चुनाव है और अनुप्रिया पटेल के सामने एक बार फिर खुद को साबित करने की चुनौती है. आइए जानते हैं पिता की पार्टी अध्यक्ष से केंद्रीय मंत्री बनने तक का अनुप्रिया पटेल का सफर...

अनुप्रिया पटेल का जन्म 1981 में कानपुर में हुआ था. अनुप्रिया के पिता सोनेलाल पटेल कार्यकर्ता थे और यूपी में सामाजिक न्याय और समानता की लड़ाई लड़ रहे थे. पिता से ही अनुप्रिया की राजनीतिक गुर सीखे हैं. सोनेलाल पटेल बीएसपी संस्थापक कांशीराम के साथ यूपी में सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे और 1995 में कांशीराम से अलग होकर सोनेलाल ने अपनी अलग पार्टी बनाने की घोषणा कर दी. नई पार्टी का नाम रखा- अपना दल.

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2009 में पिता की एक्सीडेंट में मौत के बाद अनुप्रिया पटेल ने सक्रीय राजनीति में एंट्री की और यूपी की एक बड़ी नेता के रूप में उभरीं. अनुप्रिया पटेल ने 2012 के विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया. रोहानिया से अनुप्रिया पटेल ने चुनाव में जीत हासिल की और पहली बार विधायक बनीं. इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया  और 2014 का लोकसभा चुनाव मिर्जापुर से लड़ने के लिए हां कर दी. चुनाव हुआ और विधायक अनुप्रिया अब सांसद अनुप्रिया पटेल हो चुकी थीं. एनडीए गठबंधन में पहले ही उनकी पार्टी आ चुकी थी तो केंद्र में मोदी सरकार बनीं और अनुप्रिया पटेल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री.

इससे पहले एक नया मोड़ तब आया जब रोहानिया विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए. 2014 में रोहनिया विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में टिकट को लेकर अनुप्रिया का अपनी मां कृष्णा पटेल से विवाद शुरू हुआ. जिसके बाद कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया पटेल और उनके समर्थकों को पार्टी से बेदखल कर दिया. पार्टी परिवार विवाद से घिर गई और उनके सामने उनकी मां ही खड़ी हो गई. इसके बाद अनुप्रिया पटेल ने अपना दल (एस) को बनाने के लिए एनडीए के साथ आने का फैसला किया.

अब एक बार फिर अनुप्रिया पटेल एनडीए गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही हैं. मिर्जापुर में अंतिम सातवें चरण में मतदान होना है. अनुप्रिया के सामने समाजवादी पार्टी ने रामचरित्र निषाद को चना है. निषाद बीजेपी छोड़कर अभी एसपी में शामिल हुए हैं.

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