लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही बीजेपी नेतृत्व महागठबंधन पर हमलावर है. प्रधानमंत्री मोदी महागठबंधन को 'महामिलावट' कह रहे हैं और बीजेपी के अन्य नेता भी मोदी की राह पर चल रहे हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर हो रही चर्चा की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर उसे मौकापरस्ती करार दिया.
अरुण जेटली ने लिखा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच एक धड़ा गठबंधन पर चर्चा कर रहा है, जबकि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ उपजी प्रतिक्रिया से जन्मी थी. आज वह कांग्रेस के आगे झुकी हुई है.
अरुण जेटली के बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने तुरंत ही जवाब दिया. केजरीवाल ने पलटवार करते हुए लिखा, 'सर, हमारे लिए देश सर्वोपरि है. मोदी और शाह की जोड़ी देश के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है.'
इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली को यहां तक नसीहत दे दी कि देश हित के ऊपर रखते हुए वह मोदी और शाह की जोड़ी का साथ छोड़ दें. जाहिर है चुनाव के नजदीक आने के साथ ही राजनीतिक दलों के बीच कड़वाहट और तकरार भी बढ़ेगी.
सर, हमारे लिए देश सर्वोपरि है
उस वक़्त कांग्रेस के भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ पूरी ताक़त से लड़े
आज मोदी और शाह की जोड़ी देश के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है। हर देशभक्त का धर्म है कि पूरी ताक़त से इस जोड़ी को हटाने में जुटे। आप भी देश हित को ऊपर रखते हुए इस जोड़ी का साथ छोड़ दीजिए https://t.co/zqOzepsy8y
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 17, 2019
कांग्रेस से कभी हां, कभी ना
दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए सातों सीटों पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चा कई बार हुई, लेकिन कांग्रेस की राज्य इकाई ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावनाओं को खारिज कर दिया. वहीं प्रदेश प्रभारी पीसी चाको का बयान आया कि दिल्ली के कई नेता गठबंधन के पक्ष में हैं.
इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने कई मौकों पर कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने की बात से इनकर कर दिया है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार भी उतार दिए हैं. ऐसे में गठबंधन की संभावना अब कहीं से भी नजर नहीं आती.
ज्यादातर ओपीनियन पोल कहते हैं कि अगर दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन होता है तो बीजेपी खाता भी नहीं खोल पाएगी लेकिन अगर गठबंधन नहीं हुआ तो सातों सीटें बीजेपी के खाते में जा सकती हैं.