असम की जोरहाट लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन 2014 में चली मोदी लहर में ये सीट भी कांग्रेस के हाथ से निकल गई. इस सीट पर कांग्रेस का इस कदर प्रभाव है कि यहां हुए अब तक 16 लोकसभा चुनाव में सिर्फ 3 बार कांग्रेस हारी है. इस सीट में 10 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 4 पर बीजेपी, 4 पर कांग्रेस और दो पर असम गण परिषद के पास है.
जोरहाट संसदीय क्षेत्र में की 10 विधानसभा सीटों में जोरहाट पर बीजेपी, टिटाबार पर कांग्रेस, मरियानी पर कांग्रेस, टियोक पर असम गण परिषद, आमगुड़ी पर असम गण परिषद, नजीरा पर कांग्रेस, महमारा पर बीजेपी, सोनारी पर बीजेपी, थोवारा पर बीजेपी और शिवसागर पर कांग्रेस प्रत्याशी जीते हैं. विश्वप्रसिद्ध काजीरंगा नेशनल पार्क जोरहाट में ही है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
इस सीट पर शुरू से ही कांग्रेस पूरी तरह से काबिज रही है. 1952 और 57 में इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. 1962 के चुनाव में पीएसपी के टिकट पर लड़े राजेंद्र नाथ बरुआ ने जीत हासिल की. हालांकि अगले चुनाव में वे कांग्रेस के टिकट से लड़े और फिर जीते. इसके बाद 1971 और 77 में कांग्रेस प्रत्याशी तरुण गोगोई ने जीत दर्ज की. 1985 में असम गण परिषद के प्रत्याशी पराग छलीहा ने जीत हासिल की. लेकिन इसके बाद कांग्रेस ने इस सीट पर ऐसा कब्जा जमाया कि अगले दो दशक से भी ज्यादा समय तक उसके प्रत्याशी बिजॉय कृष्ण हांडिक जनता की उम्मीदों पर उतरते रहे. 2014 के चुनाव में उन्हें भी मोदी लहर का शिकार होना पड़ा.
सामाजिक ताना-बाना
2011 की जनगणना के अनुसार जोरहाट लोकसभा सीट में 84.08 फीसदी आबादी ग्रामीण जबकि 15.92 फीसदी आबादी शहरी है. यहां 4.57 फीसदी लोग एससी और 4.75 फीसदी आबादी एसटी है. 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में इस सीट पर वोट प्रतिशत 64.58 फीसदी और 2014 के चुनाव में 78.32 फीसदी है.
इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 11 लाख 89 हजार 486 है. इसमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 6 लाख 11 हजार 283 और महिला मतदाताओं की संख्या पांच लाख 78 हजार 203 है.
2014 का जनादेश
2014 में इस सीट पर मोदी लहर का साफ असर दिखा. पिछले लगातार 6 बार से चुनाव जीतते आ रहे कांग्रेस प्रत्याशी बिजॉय कृष्ण हांडिक को मोदी वेव में हार का मुंह देखना पड़ा. उन्हें बीजेपी प्रत्याशी कामाख्या प्रसाद ने एक लाख 2 हजार 420 मतों के अंतर से पराजित किया. हांडिक को जहां 3 लाख 54 हजार वोट मिले, वहीं कामाख्या प्रसाद को कुल 4 लाख 56 हजार 420 मत मिले. तीसरे नंबर पर असम गण परिषद के प्रदीप हजारिका रहे. 2014 के चुनाव में 14 हजार 648 लोगों ने नोटा का बटन दबाया.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
48 वर्षीय सांसद कामाख्या प्रसाद ने राजनीतिक विज्ञान में एमए किया है. 2013 से असम बीजेपी में वे उपाध्यक्ष हैं. वे कई संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं. फुटबॉल उनका प्रिय खेल है. संसद में उनकी उपस्थिति 73.21 फीसदी रही. यानि 235 दिन वे संसद में उपस्थित रहे. उन्होंने अब तक 110 सवाल पूछे हैं, जबकि 38 बहसों में उन्होंने शिरकत की. इसके अलावा अपनी सांसद निधि का 50.24 फीसदी उन्होंने खर्च किया है. जोरहाट से सांसद कामाख्या प्रसाद तासा के पास चल संपत्ति 7 लाख 94 हजार 785 रुपये थी, जबकि अचल संपत्ति 9 लाख रुपये की है.