महाराष्ट्र की औरंगाबाद लोकसभा सीट पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के इम्तियाज जलील सैय्यद ने जीत का परचम लहराया है. उन्होंने अपने सबसे करीबी प्रतिद्वंदी शिवसेना के चंद्रकांत खैरे को 4492 वोटों से शिकस्त दी. इस चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के इम्तियाज जलील सैय्यद को 389042 वोट मिले, जबकि शिवसेना के चंद्रकांत खैरे के खाते में 384550 वोट आए.
महाराष्ट्र की औरंगाबाद लोकसभा सीट को शिवसेना का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार उसे हार का मुंह देखना पड़ा. यहां पर 23 अप्रैल को तीसरे चरण में वोट डाले गए थे. इस सीट से 23 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने चुनाव मैदान में उतरे थे.
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार औरंगाबाद लोकसभा सीट पर 63.46 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था, जबकि साल 2014 में यहां 61.85 प्रतिशत वोटिंग रिकॉर्ड की गई थी. इस संसदीय क्षेत्र में कुल 18 लाख 84 हजार 866 मतदाता पंजीकृत हैं, लेकिन कुल 11 लाख 96 हजार 112 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
औरंगाबाद सीट से ये उम्मीदवार मैदान में
महाराष्ट्र की औरंगाबाद लोकसभा सीट को शिवसेना का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार उसको यहां से हार का सामना करना पड़ा. यहां से शिवसेना ने अपने मौजूदा सांसद चंद्रकांत खैरे को चुनाव मैदान में उतारा था, जबकि कांग्रेस ने जांबाज सुभाष माणकचंद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने इम्तियाज जलील सैय्यद पर दांव लगाया था. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी से जया बलु राजकुंदल और बहुजन मुक्ति पार्टी से दिपाली लालाजी मिसाल चुनाव लड़े थे. इस बार औरंगाबाद सीट से कुल 23 उम्मीदवारों ने ताल ठोंकी थी, जिनमें से 9 प्रत्याशी निर्दलीय थे.
महाराष्ट्र में हाल ही में हुए मराठा आंदोलन का सबसे ज्यादा असर औरंगाबाद लोकसभा सीट पर दिखाई दिया था. ऐसे में 2019 का लोकसभा चुनाव दिलचस्प हो गया है. वोटिंग खत्म होते ही इस बात का पता चल जाएगा कि यहां की जनता फिर से शिवसेना को जिताती है या विपक्ष को मौका देती है.
साल 2014 का चुनाव परिणाम और राजनीतिक पृष्ठभूमि
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश नितिन पाटिल को हराया था. चंद्रकांत खैरे को 5 लाख 20 हजार 902 वोट मिले थे, जबकि सुरेश पाटिल को 3 लाख 58 हजार 902 वोट मिले थे. 1998 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दिया जाए तो 1989 से 2014 तक शिवसेना औरंगाबाद लोकसभा सीट से लगातार चुनाव जीतने में सफल रही है.
बता दें कि चंद्रकांत खैरे औरंगाबाद लोकसभा सीट से लगातार चार बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. 1999 में वह पहली बार सांसद बने. इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में लगातार जीत हासिल की. ऐसे में शिवसेना ने एक बार फिर खैरे पर भरोसा जताया है. 2014 में मोदी लहर के दौरान बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया था.
वहीं औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें आती हैं, जिन पर मराठा समुदाय का अच्छा खासा दबदबा है. कन्नड़, औरंगाबाद पश्चिम विधानसभा सीट पर शिवसेना का कब्जा है. जबकि औरंगाबाद मध्य में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी (एआईएमआईएम) और औरंगाबाद पूर्व, गंगापुर में बीजेपी का कब्जा है. इसके अलावा वौजापुर में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कब्जा है.
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