ओडिशा के बालासोर लोकसभा सीट पर मतदान 29 अप्रैल को है. इस सीट पर वोटिंग को लेकर अभी जोरदार प्रचार अभियान चल रहा है. यहां से बीजू जनता दल ने मौजूदा सांसद रबींद्र जेना को टिकट दिया है. बीजेपी ने इस सीट पर प्रताप चंद्र सारंगी को मैदान में उतारा है. इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने नवज्योति पटनायक को टिकट दिया है. यहां से 5 निर्दलीय कैंडिडेट भी चुनाव लड़ रहे हैं. यहां से कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस सीट पर कांग्रेस में रहे श्रीकांत जेना की इलाके में मजबूत पकड़ थी, लेकिन इस बार वे कांग्रेस से अलग है. लिहाजा इस सीट की लड़ाई रोमांचक हो गई है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
बालासोर ओडिशा का ऐसा लोकसभा सीट है, जहां बीजेपी 3 बार चुनाव जीत चुकी है. इस सीट पर बीजू जनता दल ने 2014 में पहली बार जीत हासिल की. आजादी के बाद शुरुआती लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस की बादशाहत रही. 1951, 57 और 62 का चुनाव कांग्रेस ने जीता. 1967 में सीपीआई ने इस सीट पर अपना खाता खोला और समरेन्द्र कुंडू विजयी हुए . 1971 में कांग्रेस ने यहां फिर वापसी की. 1977 में इंदिरा विरोधी लहर के बाद कांग्रेस यहां से हार गई और समरेन्द्र कुंडू एक बार फिर से चुनाव जीते.
1980 और 84 में कांग्रेस का परचम इस सीट पर फिर फहराया. 1989 के चुनाव में समरेंद्र कुंडू जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते. 1991 और 96 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई. अटल-आडवाणी के दौर में इस सीट कमल खिला. 1998, 99 और 2004 में यहां बीजेपी के टिकट पर खारबेला स्वैन चुनाव जीते. 2009 में बीजेडी और बीजेपी के बीच गठबंधन में हुई टूट का फायदा कांग्रेस को मिला और इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर श्रीकांत जेना विजयी रहे. हालांकि 2014 में यहां से बीजेडी के रवीन्द्र कुमार जेना विजयी हुए.
हाल ही में श्रीकांत जेना को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया है. हालांकि जेना पिछले साल दिसंबर में ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी से इस्तीफा दे चुके थे. पार्टी से हटाने के बाद श्रीकांत जेना ने ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक पर माइनिंग घोटाले में शामिल रहने का आरोप लगाया था. श्रीकांत जेना ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी हमला किया था और कहा था कि अगर वह राहुल गांधी की पोल खोलेंगे तो वह मुंह दिखाने लायक नहीं रह जाएंगे.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट में बड़ा फेरबदल हुआ. 2009 में चुनाव जीतकर केंद्रीय मंत्री बनने वाले कांग्रेस के नेता रहे श्रीकांत जेना को इस सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा. इस चुनाव में वह तीसरे नंबर पर आ गए. बीजू जनता दल के रवीन्द्र कुमार जेना 4 लाख 33 हजार 768 वोट लाकर पहले नंबर पर रहे. उन्होंने 1 लाख 41 हजार 825 वोटों से चुनाव जीता. बीजेपी के प्रताप चंद्र सारंगी 2 लाख 91 हजार 943 वोट लाकर दूसरे नंबर पर रहे. पूर्व केन्द्रीय मंत्री को 2 लाख 77 हजार 517 वोट मिले. सीपीआई के प्रशांत कुमार मिश्रा को भी लगभग 15 हजार वोट मिले.
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