औरंगाबाद सीट पर जेडीयू उम्मीदवार गिरिधारी यादव जीत गए हैं. गिरिधारी यादव ने 2,00,532 वोटों से जीत दर्ज की है. गिरिधारी यादव को कुल 4,77,788 वोट हासिल हुए हैं. दूसरे नंबर पर आरजेडी के उम्मीदवार जयप्रकाश नारायण को 2,77,256 मत प्राप्त हुए हैं.
औरंगाबाद का प्रशासनिक प्रभाग भागलपुर मंडल में आता है. यह बिहार के मैदानी क्षेत्र का आखिरी सिरा और झारखंड और बिहार के सीमा का मिलन स्थल है.
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कब और कितनी हुई वोटिंग
बांका लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वोट डाले गए थे. इस संसदीय क्षेत्र में 1696533 पंजीकृत मतदाता हैं, जिसमें से 995274 ने वोट डाला. कुल 58.67 प्रतिशत वोटिंग इस सीट पर हुई.
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प्रमुख उम्मीदवार
बिहार की बांका लोकसभा सीट से इस बार कुल 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. जेडीयू से गिरिधारी यादव, आरजेडी से जय प्रकाश नारायण यादव को टिकट मिला था. वहीं पूर्व सांसद पुतुल कुमारी निर्दलीय उम्मीदवार थे.
2014 का चुनाव
बांका लोकसभा सीट से 2014 के चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी जय प्रकाश नारायण यादव को जीत मिली थी. उन्होंने 2 लाख 85 हजार 150 वोट हासिल किए थे और करीबी प्रत्याशी पुतुल कुमारी को हराया. पुतुल कुमारी ने यह चुनाव तो निर्दलीय लड़ा था, लेकिन बाद में बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी. इस चुनाव में पुतुल कुमारी को 2 लाख 75 हजार 6 वोट प्राप्त हुए थे.
सामाजिक ताना-बाना
बांका जिला 3,020 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां की आबादी 2,034,763 है. यहां दो नगर पालिकाएं हैं और साक्षरता दर 58.17 प्रतिशत है. बांका संसदीय क्षेत्र में कुल छह विधानसभा सीटे हैं, जिनमें सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया, बांका, कटोरिया और बेलहर विधानसभा सीटें आती हैं. धोरैया विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) और कटोरिया विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए सुरक्षित है. बिहार के बांका जिले में एसटी की आबादी 75 हजार से ज्यादा है
सीट का इतिहास
1957 और 1962 के चुनाव में कांग्रेस की शकुंतला देवी यहां से जीतीं. 1967 में भारतीय जनसंघ के बीएस शर्मा को विजय मिली. 1971 में कांग्रेस के शिव चंद्रिका प्रसाद जीते. 1973 के उपचुनावों में जनता पार्टी के मधु लिमये को जीत मिली. 1977 में मधु लिमये फिर जीते लेकिन भारतीय लोकदल के टिकट से. 1980 में कांग्रेस (इंदिरा) के चंद्रशेखर सिंह को जीत मिली. 1984 में कांग्रेस की मनोरमा सिंह लोकसभा पहुंचीं. 1985 के उपचुनावों में कांग्रेस (आई) के चंद्रशेखर सिंह को जीत मिली. 1986 के उपचुनावों में मनोरमा सिंह फिर जीतीं. 1989 और 1991 में जनता दल के प्रताप सिंह को जीत मिली. 1996 में जनता दल के गिरिधारी यादव जीते. 1998 में समता पार्टी के टिकट पर दिग्विजय सिंह विजयी रहे. 1999 में दिग्विजय सिंह जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़े और लोकसभा पहुंचे. 2004 में आरजेडी के टिकट पर गिरिधारी यादव को जीत मिली. 2009 में स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर दिग्विजय सिंह को जनादेश मिला. 2010 के उपचुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार पुतुल कुमारी सिंह जीतीं. 2014 में आरजेडी के जय प्रकाश नारायण यादव लोकसभा पहुंचे.
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