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मोदी-शाह से सीधे भिड़ कर फिर विपक्ष की नेता नंबर-1 बन गईं ममता बनर्जी!

कोलकाता में अमित शाह के रोड शो में जो बवाल हुआ, उसके बाद चुनाव आयोग ने बड़ा एक्शन लिया. चुनाव आयोग ने बंगाल में प्रचार के समय को कम कर दिया और उसे गुरुवार रात 10 बजे तक सीमित कर दिया.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

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लोकसभा चुनाव 2019 की आखिरी जंग जो बंगाल में लड़ी जा रही है उस पर पूरे देश की नजरें हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच आर-पार की लड़ाई जारी है. ममता पूरे दमखम के साथ बीजेपी का सामना कर रही हैं तो विपक्ष की दूसरी पार्टियां भी उनके साथ आ गई हैं. मायावती से लेकर राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने ममता का समर्थन किया है. ऐसे में चुनाव खत्म होते-होते एक बार फिर वही स्थिति पैदा हो गई है जो चुनाव से पहले थी, जहां ममता बनर्जी के पीछे पूरा विपक्ष खड़ा था और वह अगुवाई कर रही थीं.

कोलकाता में अमित शाह के रोड शो में जो बवाल हुआ, उसके बाद चुनाव आयोग ने बड़ा एक्शन लिया. चुनाव आयोग ने बंगाल में प्रचार के समय को कम कर दिया और उसे गुरुवार रात 10 बजे तक सीमित कर दिया. जिसके बाद ममता बनर्जी लगातार बीजेपी, चुनाव आयोग पर निशाना साध रही हैं .

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ममता के साथ खड़ा हुआ पूरा विपक्ष

ममता केंद्र पर हमलावर हुईं तो अन्य विपक्षी पार्टियां भी उनके साथ आ गईं. अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, केसीआर, चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं ने उनके समर्थन में ट्वीट किया, तो वहीं कांग्रेस और मायावती ने तो प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कह दिया कि वह इस मुद्दे पर ममता बनर्जी के साथ खड़ी हैं. विपक्ष की तरफ से एकमुश्त कहा गया कि प्रधानमंत्री की रैली दिन में है, इसी वजह से EC ने रात को बैन लगाया है.

विपक्ष जब ममता के साथ आया, तो उन्होंने भी ट्वीट कर हर किसी का धन्यवाद दिया. चुनाव नतीजों से पहले विपक्ष की ये एकता भारतीय जनता पार्टी की चिंता बढ़ा सकती है, तो वहीं ममता बनर्जी को भी विपक्षी नेताओं की प्रमुख रेस में आगे खड़ा कर सकती हैं.

कई बार ऐसे मौके आए हैं जहां पर किसी एक नेता के पीछे विपक्षी पार्टियां खड़ी हुई नहीं दिखी हैं, लेकिन हर बार ममता बनर्जी ने इस मिथ्या को तोड़ा है और पिछले कुछ महीने में दो बार वह विपक्ष को एक साथ एक मंच पर ले आई हैं.

पूरी खबर पढ़ें... ममता के समर्थन में आईं मायावती, कहा- दिन में मोदी की रैली इसलिए रात में लगा बैन

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चुनाव से पहले भी ममता के पीछे था विपक्ष

ये बिल्कुल वैसे ही हुआ है जो चुनाव ऐलान से पहले हुआ था. जब ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपने साथी राजीव कुमार को लेकर मोर्चा खोल दिया था. ममता बनर्जी ने केंद्र के खिलाफ 72 घंटे का धरना दिया था. 19 जनवरी को ममता बनर्जी ने संयुक्त रैली भी बुलाई थी, जिसमें 22 विपक्षी दलों के 44 नेता एक मंच पर थे और इन सभी की अगुवाई ममता बनर्जी ने ही की थी.

नतीजों से पहले विपक्षी नेता एकदूसरे से मुलाकात कर रहे हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने हाल ही में कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की थी, जहां वह चुनाव के बाद विपक्ष को एकसाथ लाने में जुटे थे. लेकिन अब बंगाल में एक बार फिर ऐसी स्थिति आ पनपी है जहां ममता बनर्जी आगे हैं और पूरा विपक्ष उनके पीछे.

दरअसल, बीते कुछ साल में ममता बनर्जी ही एक ऐसे नेता के तौर पर उभरी हैं जिन्होंने अमित शाह और नरेंद्र मोदी की जोड़ी का सामना खुलकर किया है. हर मोर्चे पर ममता ने केंद्र सरकार की मुखालफत की है और नरेंद्र मोदी के खिलाफ दीवार की तरह खड़ी हैं. बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर बीजेपी इस बार नंबर दो की लड़ाई लड़ रही है, तो वहीं टीएमसी की पूरी कोशिश बीजेपी को रोकने की है.

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