भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सोमवार को मुहूर्त का फॉर्म जमा कर दिया. मंगलवार को वह विधिवत पर्चा भरेंगी. व्हील चेयर पर बैठकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं साध्वी पर्चा ने मुहूर्त फॉर्म जमा किया. इस दौरान साध्वी प्रज्ञा के साथ भोपाल के साथ मौजूदा बीजेपी सांसद आलोक संजर मौजूद थे. फॉर्म जमा करने के बाद आजतक से बात करते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा, "आज मैंने मुहूर्त का फॉर्म जमा कर दिया है, हमारा जो विधिवत फॉर्म है वो मैं कल (मंगलवार) को भरूंगी. आज मेरा मुहूर्त का फॉर्म था. मैंने यह संकल्प लिया था कि मैं बिल्कुल आनंद और ठाकुर जी के ध्यान में रह कर ऐसा करूंगी. यह हमारे मुहूर्त का फॉर्म था इसलिए मैंने इसको आज पूर्ण किया."
मुहूर्त फॉर्म भरने आए साध्वी प्रज्ञा ने इस दौरान प्रशासन पर गंभीर लगाए. उन्होंने कहा कि प्रशासन के रवैये की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा. साध्वी प्रज्ञा ने कहा आज मुझे यहां परेशानी हुई क्योंकि यहां की सीढ़ियां काफी संकरी है और मेरे जो सहयोगी हैं जो मुझे उठाकर लाते उन्हें प्रशासन ने आगे आने से मना कर दिया. इसलिए वे यहां नहीं आ सके. साध्वी ने आगे कहा, "कलेक्टर कार्यालय में सीढ़ियां बहुत संकरी थी इसके बाद व्हीलचेयर को ले जाने के लिए प्रशासन ने कुछ लड़कियों को नियुक्त किया लेकिन लड़कियां बुरी तरीके से पसीना पसीना हो गईं थीं." साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उनका कष्ट देख उन्हें काफी तकलीफ हुई.
BJP candidate Pragya Singh Thakur files nomination from Bhopal Lok Sabha constituency. #LokSabhaElections2019 #MadhyaPradesh pic.twitter.com/LoNxvVejBm
— ANI (@ANI) April 22, 2019
भोपाल में मुहूर्त फॉर्म भरने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल में भिक्षाटन की. इस दौरान उनके आंचल में लोगों ने भिक्षास्वरुप रुपये दिए. बता दें कि बीजेपी ने भोपाल सीट से साध्वी प्रज्ञा को टिकट दिया है. टिकट पाने के साथ ही साध्वी प्रज्ञा तब विवाद में आ गईं जब उन्होंने मुंबई हमले के शहीद हेमंत करकरे पर विवादित बयान दिया. साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि मालेगांव ब्लास्ट में गिरफ्तारी के बाद हेमंत करकरे ने उन्हें कठिन याचना दी, उन्हें पीटा और गालियां दी. साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उन्होंने हेमंत करकरे के बारे में कहा था कि उनका सर्वनाश होगा.
साध्वी प्रज्ञा के इस बयान पर जबर्दस्त हंगामा हुआ. कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी ने शहीद का अपमान किया है. इसके बाद दबाव में झुकते हुए प्रज्ञा ने अपना बयान वापस ले लिया. इस बयान पर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भी जारी किया था. साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव आयोग को जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने किसी शहीद की शहादत का अपमान नहीं किया है और उनके बयान को मीडिया ने नकारात्मकता के साथ पेश किया.
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